छठ महापर्व की धूम बिहार में जोर-शोर से मच चुकी है। इस वर्ष 2024 में भी, जैसा कि हर साल होता है, यह पर्व श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बनकर लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है। आज गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को छठव्रतियों ने पहला अर्घ्य अर्पित किया, जबकि शुक्रवार को उगते सूर्य को छठ का दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा।
राजधानी पटना सहित बिहार के विभिन्न इलाकों में गंगा घाट और तालाबों के किनारे इस पर्व को लेकर भव्य तैयारियां की गई हैं। गंगा के घाटों की सूरत पूरी तरह से निखर गई है—बल्बों की रोशनी, टेंट, बैरिकेडिंग और व्रतियों के लिए अन्य सुविधाओं के साथ पूरे माहौल में रौनक है। पटना के घाटों पर श्रद्धालु सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए जुटे हुए हैं, जहां इस वर्ष की छठ पूजा में प्रशासन ने भी विशेष व्यवस्थाएं की हैं।
बाजारों में भी छठ पूजा को लेकर खास खरीदारी हो रही है। जगह-जगह ईख, गागर, नींबू, नारियल, और अन्य पूजा सामग्री की दुकानें सजी हुई हैं। व्रति इन दुकानों से अपनी पूजा सामग्री लेकर अपने घरों की ओर बढ़ रहे हैं। रास्तों पर गुजरते हुए जगह-जगह छठ गीत गूंज रहे हैं, जो इस पर्व की भक्ति-भावना को और भी गहरा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और अन्य राजनीतिक प्रतिनिधि भी इस पावन अवसर पर गंगा घाट पर श्रद्धालुओं के साथ मौजूद रहे। इसके अलावा, लालू यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने परिवार के साथ पटना में छठ पूजा मनाई।
छठ महापर्व बिहार में न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी बन चुका है। इस दौरान लोग न सिर्फ सूर्यदेव की पूजा करते हैं, बल्कि पारिवारिक सद्भावना और समाजिक समरसता का संदेश भी देते हैं।
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बिहार में बिखरी छठ की छटा दंडवत होते व्रति और विधायक द्वारा सूर्य को अर्घ्य
Chhath spread across Bihar, devotees and MLAs offering prayers to the Sun
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