उत्तराखंड में इस समय ला नीना का प्रभाव चरम पर है, जिससे पिछले तीन दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। इस असामान्य मौसम के कारण पूरे राज्य में जन-जीवन प्रभावित हो गया है, और बारिश के कारण जलभराव की समस्याएँ बढ़ गई हैं। इस बार की बारिश सामान्य से 15 से 20 प्रतिशत अधिक होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे कई क्षेत्रों में भारी असुविधा उत्पन्न हो रही है।
ला नीना एक जलवायु घटना है जो आमतौर पर प्रशांत महासागर के पूर्वी हिस्से में होती है। इस घटना में, समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, और इसका प्रभाव विश्वभर के मौसम पैटर्न पर पड़ता है। ला नीना के दौरान, उत्तर भारत में सामान्य से अधिक वर्षा और बर्फबारी हो सकती है। यह घटना एला नीना के विपरीत होती है, जिसमें समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक होता है और सूखा और गर्मी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
उत्तराखंड में ला नीना के प्रभाव के कारण पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इस भारी बारिश ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में जलभराव की समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। तराई क्षेत्र में तेज और हल्की बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पहाड़ों और तराई-भाबर में इस बार की बारिश सामान्य से 15 से 20 प्रतिशत अधिक होने की संभावना है। जुलाई और अगस्त में भी औसत से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिससे कृषि और अन्य गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं।
कृषि पर ला नीना के प्रभाव से खासकर धान की फसल की सिंचाई के लिए किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अत्यधिक बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें प्रभावित हो रही हैं। किसानों को पानी के अत्यधिक संचय से फसल क्षति और नुकसान का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय प्रशासन ने बारिश के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए कई उपाय किए हैं। जलभराव और बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। सड़कों और सार्वजनिक सुविधाओं की मरम्मत और सफाई के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है।
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि आगामी दिनों में भी बारिश जारी रह सकती है। लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। बारिश के कारण उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं ने कामकाज में तत्परता बरतने की योजना बनाई है।