बद्रीनाथ में दो तीर्थयात्रियों की मौत का मामला सामने आया है। इन तीर्थयात्रियों की मौत का कारण हार्टअटैक बताया जा रहा है। इस प्रकार चार धाम यात्रा में अब मरने वालों की संख्या बढ़कर 207 पहुंच गई है। 10 मई से शुरू हुई उत्तराखंड चारधाम यात्रा में अब तक लाखो की संख्या में श्रद्धालु चारो धाम के दर्शन कर चुके हैं। वहीं चारधाम यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या एक भी इजाफा हुआ है, अब तक 153 लोगो की जान जा चुकी है। मरने वालों में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों नाम शामिल है और सबसे ज्यादा मौतें दिल का दौरा पड़ने से हुई है। शासन भी लगातार इस सब पर नजर रखे हुए है।
चार धाम यात्रा में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बद्रीनाथ यात्रा पर गए दो तीर्थयात्रियों की मौत का मामला सामने आया है। पश्चिम बंगाल के 21 वर्षीय एक व्यक्ति और उत्तर प्रदेश की 88 वर्षीय एक महिला की शनिवार को बद्रीनाथ मंदिर जाते समय हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके साथ ही इस साल की चार धाम यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या 207 तक पहुंच गई है।
चार धाम यात्रा के दौरान मृतकों की संख्या ने पिछले साल के रेकॉर्ड को तोड़ दिया है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल केदारनाथ में 99, बद्रीनाथ में 55, यमुनोत्री में 38 और गंगोत्री में 15 लोगों की मौत हुई है। पिछले साल यात्रा के दौरान करीब 200 लोगों की मौत हुई थी। अधिकारियों ने चिंता जताई है कि अगर तीर्थयात्री स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं तो मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी सलाह स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दी जा रही है। इसके बाद कुछ तीर्थ यात्री स्वास्थ्य विभाग की सलाह को नजरअंदाज कर रहे हैं जिससे इस प्रकार की घटनाएं सामने आती हैं। वहीं तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार की तरफ से यहां कई डॉक्टरों और स्वास्थ्य केंद्रों की भी स्थापना की है। जबकि यात्रियों की सुविधा के लिए और भी कई उपाएं किए गए है लेकिन फिर भी मरने वालो की संख्या बढ़ती जा रही है।