भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आज 134वीं जयंती मनाई जा रही है। 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में जन्मे पंडित नेहरू ने भारत को स्वतंत्रता संग्राम से लेकर एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने तक में अहम भूमिका निभाई।
उनकी जयंती को “बाल दिवस” के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि पंडित नेहरू बच्चों के प्रति अपनी विशेष स्नेहभावना के लिए प्रसिद्ध थे। उनका मानना था कि बच्चों का विकास देश के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनकी शिक्षा व समृद्धि से ही राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित हो सकती है।
पंडित नेहरू का योगदान न सिर्फ राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम में था, बल्कि उन्होंने भारत के विज्ञान, शिक्षा, औद्योगिकीकरण और विदेश नीति में भी महत्वपूर्ण पहल की। उनका सपना था कि भारत एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बने, और इसके लिए उन्होंने कई विकासात्मक योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें औद्योगिकीकरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वृद्धि, और देशभर में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए योजनाएं शामिल थीं।
उनकी जयंती पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य प्रमुख नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। विभिन्न स्कूलों और संस्थानों में भी इस दिन खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां बच्चे पंडित नेहरू के जीवन और उनके योगदान के बारे में जान पाते हैं।
पंडित नेहरू का आदर्श और उनकी सोच आज भी भारत के विकास की दिशा को प्रभावित कर रहे हैं और उनका योगदान भारतीय राजनीति, समाज और शिक्षा में अमिट रहेगा।