कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में एक सार्वजनिक सभा में गौतम अडानी और उनकी कंपनियों पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि छोटे स्तर के भ्रष्टाचार के लिए मुख्यमंत्री 10-15 करोड़ के घोटाले में जेल चले जाते हैं, जबकि अडानी जैसे लोग 2000 करोड़ के घोटाले में भी आज़ाद घूमते हैं। राहुल गांधी ने इस मामले में अडानी की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है।
क्या है मामला?
राहुल गांधी ने एक बार फिर अडानी ग्रुप पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि इस देश में कानून सिर्फ छोटे अपराधियों के लिए है, जबकि बड़े नामों को सुरक्षा दी जाती है।
‘भ्रष्टाचार पर दोहरे मापदंड’
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार अडानी ग्रुप के भ्रष्टाचार की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा, “कानून को सबके लिए बराबर होना चाहिए। अगर एक मुख्यमंत्री को घोटाले में जेल हो सकती है, तो अडानी पर कार्रवाई क्यों नहीं?”
अडानी ग्रुप का पक्ष
अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा कि यह राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं। उन्होंने अपने व्यवसाय को पारदर्शी और कानूनी करार दिया।
राजनीतिक घमासान तेज
राहुल गांधी के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच राजनीतिक घमासान और तेज हो गया है। BJP ने राहुल गांधी के बयान को ‘लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश’ करार दिया।