उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। न बारिश हो रही है और न ही पहाड़ों पर बर्फबारी। इस शुष्क मौसम ने किसानों और पर्यटन उद्योग पर असर डालना शुरू कर दिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अब नई भविष्यवाणी जारी की है, जो राज्य के लिए राहत या चिंता का कारण बन सकती है।
उत्तराखंड में अक्टूबर के अंत से लेकर अब तक न ही पर्याप्त वर्षा हुई है और न ही उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी। मैदानी इलाकों में भी ठंड का असर कम नजर आ रहा है, जिससे सर्दियों का असली एहसास नहीं हो रहा। भारतीय मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए भविष्यवाणी की है कि शुष्क मौसम जारी रहेगा। हालांकि, दिसंबर के पहले सप्ताह में हल्की बारिश और उच्च इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। IMD के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने पर ही मौसम में बदलाव हो सकता है।
शुष्क मौसम ने उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को प्रभावित किया है। बर्फबारी की कमी के चलते औली और मसूरी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या कम हो गई है। वहीं, किसानों को भी रबी की फसल के लिए पर्याप्त नमी न मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग इस मौसम से चिंतित हैं। एक किसान ने कहा, “अगर बर्फबारी और बारिश नहीं हुई, तो हमारी फसलें बर्बाद हो सकती हैं।” वहीं, होटल व्यवसायी भी पर्यटकों की कमी को लेकर परेशान हैं।
जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसम चक्र उत्तराखंड के लिए एक बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दीर्घकालिक योजनाएं और पर्यावरण संरक्षण के उपाय इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकते हैं।