हरिद्वार हादसा गंगा स्नान जाते हुए 11 साल के बच्चे की मौत : पथरी क्षेत्र, हरिद्वार। शुक्रवार को हरिद्वार के पथरी थाना क्षेत्र के रानीमाजरा गांव में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें होली खेलने के बाद गंगा स्नान के लिए जा रहे एक परिवार का वाहन पलट गया। इस हादसे में एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई और पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना ने न केवल रानीमाजरा गांव बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी शोक का माहौल पैदा कर दिया है। इस दुर्घटना के कारण अब लोग यात्रा करते वक्त वाहन की सुरक्षा और सावधानी पर पुनः विचार कर रहे हैं।
घटना का विवरण
रानीमाजरा गांव में शुक्रवार को होली के दिन उत्सव मनाया जा रहा था। जैसे ही दिन का आनंद समाप्त हुआ, गांव के लोग गंगा स्नान के लिए यात्रा पर निकलने लगे। मेघराज, जो एक स्थानीय निवासी हैं, अपने परिवार के साथ गंगा स्नान के लिए मैक्स वाहन में सवार हुए। गांव में होली खेलने के बाद, वे गंगा की पवित्र धारा में स्नान करने के लिए यात्रा पर निकले थे। वाहन में मेघराज के परिवार के सात सदस्य थे, जिनमें छोटे बच्चे भी शामिल थे।
रास्ते में जैसे ही उनका वाहन पथरी क्षेत्र के एक उबड़-खाबड़ रास्ते पर पहुंचा, वाहन का संतुलन बिगड़ गया और वाहन पलट गया। अचानक हुए इस हादसे से आसपास के लोग सकते में आ गए। वाहन पलटने के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। कुछ लोग घायल हो गए और वाहन में फंसे हुए थे। स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद के लिए आवाज दी और पुलिस और एम्बुलेंस को सूचित किया।
हादसे में बच्चे की मौत और घायलों की स्थिति
इस दुर्घटना में सबसे बड़ी क्षति एक 11 वर्षीय बच्चे को हुई, जिसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। यह बच्चा मेघराज का परिवार का सदस्य था और परिवार के साथ होली के बाद गंगा स्नान के लिए जा रहा था। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस और चिकित्सा टीम ने घायल लोगों को तुरंत अस्पताल भेजा। पांच लोग घायल हुए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई गई है। गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही पथरी थाना पुलिस और प्रशासन के अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस ने तुरंत स्थानीय अस्पताल से एम्बुलेंस मंगवाई और घायल व्यक्तियों को इलाज के लिए भेजा। साथ ही, मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है। पथरी थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, वाहन के संतुलन का बिगड़ना हादसे का मुख्य कारण था, लेकिन पूरी जांच के बाद ही दुर्घटना के कारणों का स्पष्ट पता चलेगा। पुलिस ने घटनास्थल से सभी आवश्यक दस्तावेज़ और सबूत इकट्ठा किए हैं, ताकि यह पता चल सके कि हादसा वाहन की खराब स्थिति, चालक की लापरवाही या अन्य किसी कारण से हुआ था।
राहगीरों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने हादसे के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल बना हुआ है। रानीमाजरा गांव के लोग इस दर्दनाक घटना को लेकर बहुत चिंतित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार के हादसे अक्सर उन रास्तों पर होते हैं, जो न तो ठीक से पक्के होते हैं और न ही वहां पर्याप्त ट्रैफिक सुरक्षा व्यवस्था होती है। गांव के एक अन्य निवासी ने कहा, “यह हादसा यह दिखाता है कि हमें अपने वाहनों की स्थिति और यात्रा के दौरान अधिक सतर्क रहना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि अब वे इस तरह के खतरे से बचने के लिए और अधिक सावधानी बरतेंगे।
वाहन दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाएँ
हरिद्वार और इसके आसपास के क्षेत्रों में वाहन दुर्घटनाओं की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अक्सर यह दुर्घटनाएँ खराब सड़कों, तेज़ रफ्तार और वाहन चालकों की लापरवाही के कारण होती हैं। हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थलों पर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं के कारण सड़कें अक्सर भीड़-भाड़ वाली होती हैं, और यह दुर्घटनाओं के जोखिम को और बढ़ा देती हैं।
सार्वजनिक सुरक्षा और यातायात सुधार की आवश्यकता
इस दुर्घटना के बाद स्थानीय प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि वह इलाके की सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था में सुधार लाएंगे। खासकर धार्मिक पर्वों और त्योहारों के दौरान बढ़ी हुई ट्रैफिक का ध्यान रखते हुए, प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा, वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
परिवार का दुख और गांव में शोक
मेघराज और उनके परिवार पर इस हादसे का गहरा असर पड़ा है। वे अपनी होली की खुशियाँ मना रहे थे, लेकिन यह खुशी अचानक एक बड़े शोक में बदल गई। 11 वर्षीय बच्चे की मौत ने परिवार को तोड़कर रख दिया है, और गांव के लोग भी इस दुख में उनके साथ हैं।