Close Menu
  • उत्तराखंड
  • क्राइम
  • राजनीति
  • स्वास्थ्य
  • देश
  • विदेश
  • वीडियो

Subscribe to Updates

Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

What's Hot

ABVP 71st National Convention : समर्पित ऊर्जावान युवाओं का महासंगम है ABVP अधिवेशन – धामी

December 1, 2025

World AIDS Day : HIV पॉजिटिव होना ‘जिंदगी का अंत’ नहीं! World AIDS Day पर दूर करें इस बीमारी से जुड़े मिथक

December 1, 2025

Disaster Management World Summit 2025 : पर्यावरण की समस्याओं का प्रभावी समाधान करना होगा- राज्यपाल

December 1, 2025
Facebook X (Twitter) Instagram
Facebook X (Twitter) Instagram
Narad Post News
Youtube Login
  • उत्तराखंड
  • राजनीति
  • क्राइम
  • पर्यटन
  • मनोरंजन
  • देश
  • विदेश
  • यूथ
  • स्वास्थ्य
  • शिक्षा
  • सामाजिक
  • स्पोर्ट्स
  • वीडियो
Narad Post News
  • उत्तराखंड
  • राजनीति
  • क्राइम
  • पर्यटन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • सामाजिक
  • देश
  • विदेश
Home » मैदान-पहाड़ की जनसंख्या खाई
उत्तराखंड

मैदान-पहाड़ की जनसंख्या खाई

Plains-mountain population gap
Sponsored By: Ananya SahgalApril 12, 2025No Comments2 Mins Read
Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp VKontakte Email
मैदान-पहाड़ की जनसंख्या खाई
मैदान-पहाड़ की जनसंख्या खाई
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email
खबर को सुनें

मैदान-पहाड़ की जनसंख्या खाई: दक्षिण भारत के पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों की परिसीमन को लेकर गोलबंदी के बाद अब उत्तराखंड में भी यह मुद्दा चर्चा में है, हालांकि परिसीमन आयोग का गठन अभी नहीं हुआ है और पहले जनगणना होनी है, लेकिन राज्य की भौगोलिक और जनसंख्या संबंधी विषमता ने इस मुद्दे को यहां भी प्रासंगिक बना दिया है।उत्तराखंड में नौ पर्वतीय और चार मैदानी जिले हैं। चुनाव आयोग की रिपोर्ट बताती है कि बीते दो दशकों में पर्वतीय जिलों से आबादी तेजी से घटी है, जबकि मैदानी जिलों में जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या में तेज वृद्धि हुई है।

 

2002 में जहां पहाड़ और मैदान के मतदाता आंकड़ों में केवल 5.4% का अंतर था, वहीं 2022 तक यह खाई बढ़कर 21.2% हो गई।मैदानी जिलों में 2002 में 52.7% मतदाता थे, जो 2022 में बढ़कर 60.6% हो गए, दूसरी ओर, पहाड़ी जिलों का वोट शेयर 47.3% से घटकर 39.4% रह गया।राज्य के कई हिस्सों में पलायन एक बड़ी समस्या बन गया है, 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड से पांच लाख से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं, इसके पीछे रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी प्रमुख कारण है।

 

गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ‘मेरा वोट-मेरा गांव’ अभियान के तहत पलायन कर चुके लोगों को अपने गांवों में वोट बनवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वहीं सरकार चारधाम ऑलवेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और हवाई कनेक्टिविटी जैसी योजनाओं के जरिए पहाड़ों में आजीविका के साधनों को बढ़ावा दे रही है।सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल का मानना है कि मतदाताओं के आधार पर परिसीमन से पर्वतीय क्षेत्रों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व कमजोर होगा, इसलिए क्षेत्रफल आधारित परिसीमन ही एकमात्र व्यावहारिक विकल्प है।हालांकि परिसीमन फिलहाल दूर है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर संतुलन नहीं साधा गया तो राज्य की मूल अवधारणा को नुकसान हो सकता है।

CensusMatters DelimitationDebate DemographicChallenges DevelopmentDivide ElectoralBalance HillVsPlains InclusiveGovernance InfrastructurePush MigrationCrisis MountainRegions PolicyReform PoliticalEquity PopulationDisparity PublicAwareness RegionalImbalance RuralExodus SustainableDevelopment UttarakhandPolitics VoterRepresentation VotingRights
Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email
Previous Articleपौराणिक पूर्णागिरि की महिमा
Next Article उत्तराखंड में खनन के 31 पट्टे देने की तैयारी
Narad Post

Related Posts

ABVP 71st National Convention : समर्पित ऊर्जावान युवाओं का महासंगम है ABVP अधिवेशन – धामी

December 1, 2025

Disaster Management World Summit 2025 : पर्यावरण की समस्याओं का प्रभावी समाधान करना होगा- राज्यपाल

December 1, 2025

Uttarakhand Lok Virasat 2025 : उत्तराखंड लोक विरासत देख मुख्यमंत्री हुए गदगद

December 1, 2025

Shashi Tharoor : बीजेपी में जा सकते है दिग्गज कोंग्रेसी शशि थरूर !

December 1, 2025
Leave A Reply Cancel Reply

Advt.
Advt.
https://naradpost.com/wp-content/uploads/2025/10/Vertical-V1-MDDA-Housing-1-1.mp4
Advt.
https://naradpost.com/wp-content/uploads/2025/10/MDDA-Final-Vertical-2-1-1.mp4
//

“Narad Post” निष्पक्ष और विश्वसनीय खबरों का स्रोत है, जो राजनीति, समाज, व्यापार और मनोरंजन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को सरल रूप में प्रस्तुत करता है। हमारी टीम का उद्देश्य सच्चाई और तथ्यपूर्ण जानकारी को निडर पत्रकारिता के माध्यम से आप तक पहुँचाना है।

Our Picks
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • Instagram
  • YouTube
  • Vimeo
Don't Miss
देश

ABVP 71st National Convention : समर्पित ऊर्जावान युवाओं का महासंगम है ABVP अधिवेशन – धामी

By Narad PostDecember 1, 20250

ABVP 71st National Convention :  समर्पित ऊर्जावान युवाओं का महासंगम है ABVP अधिवेशन :- मुख्यमंत्री…

World AIDS Day : HIV पॉजिटिव होना ‘जिंदगी का अंत’ नहीं! World AIDS Day पर दूर करें इस बीमारी से जुड़े मिथक

December 1, 2025

Disaster Management World Summit 2025 : पर्यावरण की समस्याओं का प्रभावी समाधान करना होगा- राज्यपाल

December 1, 2025

Uttarakhand Lok Virasat 2025 : उत्तराखंड लोक विरासत देख मुख्यमंत्री हुए गदगद

December 1, 2025
Contact:

Ananya Sahgal, Editor
Address: 75A, Friends Plaza Rajpur Road Dehradun Uttarakhand
Phone: +918218446859
Email: naradpostuk@gmail.com

About Us
About Us

"Narad Post" निष्पक्ष और विश्वसनीय खबरों का स्रोत है, जो राजनीति, समाज, व्यापार और मनोरंजन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को सरल रूप में प्रस्तुत करता है। हमारी टीम का उद्देश्य सच्चाई और तथ्यपूर्ण जानकारी को निडर पत्रकारिता के माध्यम से आप तक पहुँचाना है।

Our Picks
Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
  • उत्तराखंड
  • क्राइम
  • राजनीति
  • स्वास्थ्य
  • देश
  • विदेश
  • वीडियो
© 2025 Developed By: Tech Yard Labs.

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

Sign In or Register

Welcome Back!

Login to your account below.

Lost password?