GoPro को लगा बड़ा झटका: GoPro, जिसे कभी एक्शन कैमरे की दुनिया का बादशाह कहा जाता था, आज आर्थिक संकट की गंभीर स्थिति से गुजर रहा है। कंपनी के शेयर अपने उच्चतम स्तर से 99% तक गिर चुके हैं और साल 2024 में इसे लगभग 3700 करोड़ रुपये (432 मिलियन डॉलर) का घाटा हुआ है। यह गिरावट महज़ एक वित्तीय आंकड़ा नहीं, बल्कि एक टेक्नोलॉजी लीडर के पतन की कहानी है।
एक समय की चमक, आज की चुनौतियां
GoPro की शुरुआत 2002 में निक वुडमैन (Nick Woodman) ने की थी। शुरुआती दिनों में इस कंपनी ने जबरदस्त सफलता हासिल की। एडवेंचर स्पोर्ट्स, व्लॉगिंग, ट्रैवल डॉक्यूमेंट्रीज़—हर जगह GoPro कैमरे की जरूरत बन गई। छोटे आकार, वॉटरप्रूफ डिज़ाइन, माउंटिंग ऑप्शन और हाई-क्वालिटी फुटेज ने GoPro को लोगों का पसंदीदा बना दिया।
लेकिन समय के साथ तकनीक बदली और बाजार में प्रतियोगिता बढ़ी। खासकर स्मार्टफोन कैमरों की क्वालिटी में जो उछाल आया, उसने GoPro के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। अब iPhone और Samsung जैसे फ्लैगशिप स्मार्टफोन OIS (Optical Image Stabilization), 4K वीडियो और AI बेस्ड इमेज प्रोसेसिंग के साथ आते हैं। ऐसे में ज्यादातर कंटेंट क्रिएटर अब अलग कैमरा खरीदने की बजाय स्मार्टफोन से ही शूटिंग कर लेते हैं।
Insta360 और DJI ने छीना बाजार
GoPro ने अपने रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) खर्च में कटौती की, जबकि प्रतिस्पर्धी ब्रांड Insta360 और DJI ने नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया। Insta360 ने जहां 360 डिग्री कैमरे और AI-सक्षम एडिटिंग टूल्स लॉन्च किए, वहीं DJI ने एक्शन कैमरों में बेहतरीन स्टेबलाइजेशन टेक्नोलॉजी पेश की। इसका असर यह हुआ कि GoPro धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी रेस में पिछड़ने लगा।
गलत फैसले और CEO की आलोचना
GoPro की गिरावट का एक बड़ा कारण कंपनी के कुछ गलत बिजनेस फैसले भी रहे। उदाहरण के लिए, GoPro ने एक समय खुद को सिर्फ कैमरा कंपनी नहीं, बल्कि मीडिया कंपनी बनाने की कोशिश की थी। इसके तहत HBO और Hulu जैसे प्लेटफॉर्म्स के पूर्व कर्मचारियों को हायर किया गया, लेकिन यह प्रयोग विफल रहा और 2017 में मीडिया डिवीजन को बंद करना पड़ा।
इसके अलावा, GoPro ने ड्रोन सेगमेंट में कदम रखा और Karma ड्रोन लॉन्च किया, जो तकनीकी समस्याओं और खराब सेल्स के चलते बंद करना पड़ा। इससे कंपनी को लगभग 217 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
सीईओ निक वुडमैन की अत्यधिक सैलरी पर भी सवाल उठे हैं। जब कंपनी ने IPO के जरिए पैसे कमाए, वुडमैन ने खुद को 285 मिलियन डॉलर सैलरी दी, जिससे उन्हें अमेरिका का सबसे अधिक भुगतान पाने वाला सीईओ बना दिया गया। आज हालत यह है कि वही CEO अब जीरो सैलरी पर काम कर रहे हैं।
अब आगे क्या?
GoPro ने अब कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है, और कंपनी अपने संचालन खर्चों में कटौती कर रही है। लेकिन बाजार में विश्वास की भारी कमी है। निवेशकों को अब इस बात की चिंता है कि क्या GoPro इस संकट से उबर पाएगा या फिर यह कहानी यहीं रुक जाएगी?
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि GoPro अगर अपनी R&D पर दोबारा निवेश करे और स्मार्टफोन के साथ इंटीग्रेशन बढ़ाए, तो शायद वापसी की उम्मीद की जा सकती है। वहीं कुछ का मानना है कि GoPro का गोल्डन पीरियड अब बीत चुका है।
निष्कर्ष: GoPro—MAX या STOP?
GoPro की मौजूदा स्थिति यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या यह टेक्नोलॉजी ब्रांड दोबारा उठेगा या फिर टेक इतिहास में एक और नाम बनकर रह जाएगा। कंपनी के पास कुछ समय है, लेकिन यह समय उसे समझदारी और तकनीकी नवाचार के साथ इस्तेमाल करना होगा। वरना ‘एक्शन’ से भरी इस कंपनी की कहानी ‘The End’ पर आ जाएगी।