नागपंचमी पर क्यों पीटी जाती है गुड़िया? बेहद चौंकाने वाली है ख़बर :- श्रावण मास की पंचमी के दिन नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन श्रद्धालु नाग देवता की पूजा करते हैं उन्हें दूध पिलाते हैं. वहीं देश के कुछ हिस्सों में इसे गुड़िया पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन गुड़िया को पीटने की परंपरा सदियों से चला जा रही है. लेकिन ऐसा क्यों जानते हैं इस लेख में.देश के कई हिस्सों में नाग पंचमी के दिन को गुड़िया पर्व के रूप में मनाया जाता है यानी कि इस दिन गुड़िया को पीटने की अनोखी और अजब परंपरा सदियों से चली आ रही है. इसके पीछे दो पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं।
पहली पौराणिक कथा
बताया जाता है कि भगवान शिव का एक भक्त था महादेव, वह भगवान शिव का अनन्य भक्त था और रोज शिव मंदिर जाकर शिव भगवान के साथ-साथ नाग देवता की भी पूजा किया करता था. उसकी इस भक्ति से प्रसन्न होकर एक दिन नाग देवता स्वयं प्रकट हो गए और भक्त के पास आकर बैठ गए जब महादेव की बहन ने देखा कि एक नाग मेरे भाई के समीप आ रहा है तो उसने डंडे से उस नाग को मार दिया. इसके बाद से ही बहन स्वरूप गुड़िया को पीटने की परंपरा चली आ रही है।
दूसरी पौराणिक कथा
वहीं लोगों की मान्यता है की एक भाई बहन आपस में बेहद प्रेम करते थे वह साथ ही शिव मंदिर पूजा के लिए जाया करते थे. एक दिन उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर नाग देवता वहीं आकर बैठ गए. इतने में बहन की आंख खुली और उसने देखा कि मेरे भाई के पास नाग बैठा है तो उसने नाग को डंडे से मार दिया इस पर वहां बैठे पुजारी ने कहा कि अब आपकी बहन को सर्प दोष से गुजरना पड़ेगा. भाई अपनी बहन को अत्यंत प्रेम करता था इसलिए उसने पुजारी से कहा कि कैसे भी मेरी बहन को श्राप से मुक्त करवाइए, तब उन्होंने एक उपाय बताया. उन्होंने कहा कि अगर तुम एक कपड़े की गुड़िया बनाकर उसे 11 बार सीधा और गया 11 बार उल्टा पिटोगे और बाद में उसे मिट्टी में दबा दोगे, उसके तत्पश्चात नाग देवता की पूजा करोगे तो तुम्हारी बहन को सर्प दोष से मुक्ति मिल जाएगी. भाई ने वैसा ही किया और अपनी बहन को सर्प दोष से बचा लिया. तभी से इस दिन को गुड़िया पर्व के रूप में मनाया जाने लगा ।
इस दिन गुड़ियों को पीटने की है परंपरा
इस दिन भारत के कई हिस्सों में बहनें कपड़े की गुड़िया बनाकर उसे सजाकर तालाब या सड़क के किनारे रख देती हैं, भाई आकर उन गुड़ियों को पीटते हैं और फिर उसने मिट्टी में दबा देते हैं. इसके बाद नाग देवता की पूजा की जाती है. माना जाता है कि ऐसा करने से भाई बहन में प्रेम बढ़ता है और लोगों को कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है।