48 घंटे गए बीत, ऑपरेशन धराली ने पकड़ी स्पीड ! :- उत्तरकाशी जिले के धराली में आई प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद खुद मुख्यमंत्री धामी ग्राउंड ज़ीरो पर पहुँच गए थे और आज भी वहीँ मौजूद रह कर रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान सम्हाले हुए है. सेना और आईटीबीपी के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई है. दूसरे दिन रेस्क्यू में मौसम बाधा बना रहा तो टूटी सड़कों ने राहत टीमों को ग्राउंड जीरो पर पहुंचने में बाधा डाली. इसके बाद हेली सेवा की मदद ली गयी। आज भी बड़ी संख्या में लोग लापता हैं. पीएम मोदी ने सांसदों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया.वही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी धराली पहुंचे है उनका सरकार पर आरोप है. कि धराली की चीखें अब भी गूंज रही हैं, लेकिन सरकार को सुनाई नहीं दे रहीं हैं !
भटवाड़ी के पास सड़क टूटी पड़ी है, धराली में तबाही के 48 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक न तो मेडिकल टीम पहुंची, न ही राहत सामग्री! मुख्यमंत्री जी हेलीकॉप्टर से हवाई फोटोज़ खिंचवाने जरूर आ जाते हैं, लेकिन जब बात राहत पहुंचाने की आती है तो वही हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं होता। यह आपदा नहीं, ये सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है.राहत बचाव कार्य तीव्र गति से जारी है मौसम ने भी आज साथ दिया है। लेकिन मलबा अधिक आने से टीमों को अच्छी खासी मश्कत करने पड़ रही है।
उत्तरकाशी में आपदा प्रभावितों के लिए राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है. अब तक आर्मी के 11 घायल जवानों को आईटीबीपी मातली में पहुंचाया गया है. उत्तरकाशी में आपदा आने के बाद चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक 2 लोगों के शव मिले है. इसके साथ ही आपदा में मरने वालों की संख्या 5 हो गई है. आपदा सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 लोग अभी भी लापता हैं, जिनके रेस्क्यू के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है. लापता लोगों ने सेना के 7-8 जवान हैं. 300 लोग रेस्क्यू के काम में लगे हुए हैं. 150 से ज्यादा लोगों को अब तक बचाया गया है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ में 5 लोगों की मौत हो गयी और 165 से अधिक लोगों को बचा लिया गया।
हर्षिल व गंगोत्री क्षेत्र से यात्रियों का सफल रेस्क्यू ऑपरेशन
उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्यों के अंतर्गत आपदा प्रभावित क्षेत्रों से तीव्र और सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।सचिव, आपदा प्रबंधन के अनुसार अब तक 274 लोगों को गंगोत्री एवं आसपास के क्षेत्रों से हर्षिल लाया गया है, और सभी लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इनमें विभिन्न राज्यों से आए हुए तीर्थयात्री शामिल हैं:
• गुजरात – 131
• महाराष्ट्र – 123
• मध्य प्रदेश – 21
• उत्तर प्रदेश – 12
• राजस्थान – 6
• दिल्ली – 7
• असम – 5
• कर्नाटक – 5
• तेलंगाना – 3
• पंजाब – 1
इन सभी यात्रियों को हर्षिल से उत्तरकाशी एवं देहरादून लाने की प्रक्रिया निरंतर जारी है।
इसके अतिरिक्त, आज तक 135 लोगों को सुरक्षित रूप से हर्षिल से बाहर निकाला गया, जिसमें से 100 लोगों को उत्तरकाशी पहुँचाया गया है तथा 35 लोगों को देहरादून सुरक्षित भेजा गया है।
इस प्रकार कुल 135 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचाया जा चुका है, और 274 लोगों को हर्षिल में सुरक्षित रखते हुए आगे की यात्रा हेतु तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार, जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग, ITBP, NDRF एवं अन्य सभी एजेंसियाँ पूरी तत्परता के साथ रेस्क्यू एवं राहत कार्यों में जुटी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने हेतु लगातार निर्देशित कर रहे हैं।
इन सभी यात्रियों को हर्षिल से उत्तरकाशी एवं देहरादून लाने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। इसके अतिरिक्त आज तक 135 लोगों को सुरक्षित रूप से हर्षिल से बाहर निकाला गया, जिसमें से 100 लोगों को उत्तरकाशी पहुँचाया गया है. तथा 35 लोगों को देहरादून सुरक्षित भेजा गया है।
इस प्रकार कुल 135 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचाया जा चुका है, और 300 लोगों को हर्षिल में सुरक्षित रखते हुए आगे की यात्रा हेतु तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग, ITBP, NDRF एवं अन्य सभी एजेंसियाँ पूरी तत्परता के साथ रेस्क्यू एवं राहत कार्यों में जुटी हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने हेतु लगातार निर्देशित कर रहे हैं।
मौसम खुलते ही एयरफोर्स के चिनूक ने मोर्चा संभाल लिया , रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए उत्तरकाशी के मातली में एयरबेस बनाया गया है. NDRF और रेस्क्यू टीमें उपकरण लेकर धराली पहुंची हैं. हर्षिल वैली में हेली ऑपरेशन में तेजी लाई गई है. हेलीकॉप्टर के माध्यम से ही फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है क्योंकि सड़कें भूस्खलन से जगह-जगह बाधित हैं.जिसकी वजह से रोड कनेक्टिविटी बाधित है। लगातार बीआरओ की मदद से से उसको दुरुस्त किया जा रहा है आपको बता दे अब तक बारिश के चलते प्रदेश में 178 रोड बाधित है।