हर दुकानदार नहीं वसूल सकता GST :- GST को लेकर अभी तक कस्टमर्स में काफी कंफ्यूजन है. इसका सीधा फायदा दुकानदार उठा रहे हैं. कई ऐसे दुकानदार हैं, जिनका GST में रजिस्ट्रेशन नहीं है. फिर भी वे ग्राहकों से सामान के बिल के साथ GST वसूल रहे हैं. आप मिनटों में यह पता कर सकते हैं कि आप से वैलिड GST वसूला जा रहा है या नहीं।
GST यानी Goods and Services Tax Act. कई इनडायरेक्ट टैक्स जैसे एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, वैट, सर्विस टैक्स आदि की जगह अब सिर्फ GST लगाया जाता है. इस टैक्स को साल 2017 में लागू किया गया था. GST को लागू करने के पीछे सरकार का मकसद टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के साथ टैक्स की चोरी को रोकना था. यह टैक्स रेट पूरे पूरे देश में एक समान है।
मौजूदा समय में नॉर्मल टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग गुड्स एंड सर्विसेज के लिए 5 रेट स्लैब हैं. ये 0% , 5%, 12%, 18% और 28% हैं. फूड आइटम और जरूरी सर्विस पर कम दरें लगाई जाती हैं, और लग्जरी आइटम पर ज्यादा दरें लगाई जाती है।
जिन दुकानदारों का GST रजिस्ट्रेशन हो रखा है, उन्हें सरकार ने GSTIN यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स आइडेंटिफिकेश नंबर दिया है. इस नंबर को किसी सामान के बिल में लिखना जरूरी होता है. इससे कस्टमर पता कर सकता है कि जो GST उससे लिया जा रहा है, वो वैलिड है या नहीं. जाहिर तौर पर जो दुकानदार GST में रजिस्टर्ड नहीं हैं, वे बिल में GSTIN नंबर नहीं देंगे. अगर बिल में आपको GSTIN नंबर नहीं दिखा, तो आपसे जबरन टैक्स नहीं लिया जा सकता. न ही आप टैक्स देने के लिए बाध्य हैं।
ऐसे बिजनेस जिनका टर्नओवर 20 लाख (नॉर्थ इस्टर्न स्टेट में 10 लाख) या इससे कम है, उन्हें सरकार ने छूट दी है. इन लोगों को GST के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य नहीं है. GSTIN वाले बिल में CGST और SGST का ब्रेकअप आप को दिखेगा. कोई दुकानदार VAT, TIN या CST की रिसिप्ट दिखाकर आपसे GST वसूल नहीं कर सकता है।