रसोई में बचे तेल से उड़ेंगे विमान! पहली बार पानीपत रिफाइनरी में तैयार होगा खास ईंधन :- आमतौर पर लोग खराब या इस्तेमाल किया हुआ खाने का तेल फेंक देते हैं, लेकिन अब इसी तेल का इस्तेमाल हवाई जहाज उड़ाने में होगा। देश की सबसे बड़ी रिफाइनिंग और ईंधन विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को इसकी अनुमति मिल गई है। हरियाणा के पानीपत स्थित रिफाइनरी को सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल बनाने के लिए इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन मिला है।
आपके घर की रसोई में इस्तेमाल के बाद बचा हुआ तेल जल्द ही आपकी अगली उड़ान में मददगार साबित हो सकता है! चौंकिए नहीं, इस अनोखे काम को अब इंडियन ऑयल की पानीपत रिफाइनरी में अंजाम दिया जाएगा. यहां पर इस्तेमाल किए हुए खाने के तेल (विमान ईंधन में बदला जाएगा. इसके लिए पानीपत रिफाइनरी को बनाने का सर्टिफिकेट भी मिल गया है।
क्या होता है सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल?
सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) या सतत विमानन ईंधन एक तरह का जेट फ्यूल है, जो जीवाश्म ईंधन के बजाय टिकाऊ व नवीकरणीय स्रोतों से बनाया जाता है. इसे बायो-जेट फ्यूल भी कहते हैं।
भारत में यह पहली बार है, जब किसी ऑयल रिफाइनरी को सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल बनाने के लिए ISCC CORSIA certification मिला है. इस उपलब्धि से भारत न सिर्फ ग्लोबल SAF सप्लाई चेन में सक्रियता से हिस्सा ले सकेगा बल्कि पहली बार उसे इंटरनेशनल SAF मैप पर जगह भी मिल गई है।
यह सर्टिफिकेट मिलने का मतलब है कि भारत अब न सिर्फ बायो जेट फ्यूल बना सकेगा, बल्कि दुनिया के अन्य देशों को सर्टिफाइड SAF की सप्लाई भी कर सकेगा. इस तरह वह एविएशन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन घटाने को बढ़ावा दे सकेगा और हरित ईंधन अपनाने में योगदान बढ़ा सकता है।
हर साल 3 करोड़ लीटर SAF बनेगा
केंद्रीय सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने सोशल मीडिया पर कहा कि पानीपत रिफाइनरी को देश के पहले सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) उत्पादक के रूप में प्रमाणित किया गया है. यह हमारे लिए गर्व की बात है. ICAO के CORSIA मानकों के मुताबिक, जल्द ही 3 करोड़ लीटर की सालाना क्षमता के साथ उत्पादन शुरू होने वाला है।
इस तरह का सर्टिफिकेशन पाने वाली आईओसी भारत की पहली कंपनी बन गई है। यह मान्यता अंतरराष्ट्रीय स्थिरता और कार्बन प्रमाणन (आईएससीसी) कॉर्सिया की ओर से दी गई है। आईओसी के चेयरमैन अरविंदर सिंह साहनी ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि पानीपत रिफाइनरी से इस साल दिसंबर तक खाने के इस्तेमाल किए हुए तेल से विमान का ईंधन बनना शुरू हो जाएगा।
अब मुफ्त की बिजली से चलेगी रेल
भारतीय रेलवे न केवल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए लगातार कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर बिजली की बचत और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी नए तरीके अपना रही है। इसी क्रम में रेलवे को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। देश में पहली बार बनारस रेल इंजन कारखाना बीएलडब्ल्यू में रेलवे ट्रैक के बीचोंबीच सोलर पैनल लगाए गए हैं। इनसे लगभग 321 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।