‘खूनी गांव’ का अब बदला नाम, ‘देवीग्राम’ से मिली नई पहचान :- पिथौरागढ़ जिले में तहसील पिथौरागढ़ स्थित ग्राम “खूनी” का नाम बदलकर अब “देवीग्राम” कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के विशेष प्रयासों से भारत सरकार ने खूनी ग्राम का नाम बदलने की अनुमति प्रदान कर दी है, इसके बाद उत्तराखंड शासन के राजस्व विभाग ने इसकी विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्थानीय निवासी लंबे समय से गांव का नाम बदलने की मांग कर रहे थे, उनकी भावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर अब यह मांग पूरी कर दी है। अब आधिकारिक रूप से ग्राम “खूनी” को “देवीग्राम” के नाम से जाना जाएगा। यह कदम राज्य सरकार की जनभावनाओं के प्रति प्रतिबद्धता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का प्रतीक है।
इस अजीबोगरीब नाम वाले गांव का नाम बदलने की मांग यहां के ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर सांसद अजय टम्टा तक ग्रामीणों ने अपना दर्द पहुंचाया। एक लंबी प्रक्रिया के बाद आखिरकार जन भावनाओं के अनुरूप प्रदेश सरकार ने ‘खूनी’ गांव का नाम बदलकर देवी ग्राम करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
गांव का नाम बदलने के बाद ग्रामीणों ने केंद्रीय राज्य मंत्री और प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है। पिथौरागढ़ जिले में मुख्यालय से दस किमी दूर एक गांव है जिसका नाम पढ़ने, लिखने या किसी को बताने में ग्रामीण भी असहज हो जाते थे।
अब आपको इस गाँव के नामकरण के पीछे की कहानी भी बता देते हैं जो सबसे ज्यादा प्रचलित है हांलाकि इस गांव का नाम खूनी क्यों रखा गया इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि गांव का नाम खूनी पड़ने के पीछे कई कहानियां प्रचलित है। ग्रामीण के मुताबिक उनके पूर्वजों ने बताया था कि आजादी से पहले जब अंग्रेज गांव आए थे तो उनकी गांव वालों से लड़ाई हुई थी।
तब ग्रामीणों ने एकजुट हो कर अंग्रेजों को मार दिया था और उसी के बाद से गांव का नाम खूनी पड़ गया। अब असली वजह क्या है ये तो इतिहास में छिपा है लेकिन इतिहास बदलने के लिए सीएम धामी का आभार ये गाँव आज जरूर जता रहा है।