CM योगी पर बनी फिल्म को हाईकोर्ट की हरी झंडी :- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ अब जल्द सिनेमाघरों में देखी जा सकेगी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस फिल्म की रिलीज को हरी झंडी दे दी है, जिससे फिल्ममेकर्स अब जल्द ही रिलीज डेट की घोषणा कर सकेंगे. यह फैसला 21 अगस्त 2025 को कोर्ट द्वारा फिल्म देखने के बाद आया, जहां जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की बेंच ने सुनवाई की. फिल्ममेकर्स ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन पर मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म को देखने के बाद पाया कि इसमें कोई आपत्तिजनक दृश्य नहीं हैं. कोर्ट ने सीबीएफसी की सभी आपत्तियां खारिज कर दीं और कहा कि फिल्म में डिस्क्लेमर मौजूद है, जो स्पष्ट करता है कि यह एक सिनेमैटिक एडाप्टेशन है. कोर्ट ने यह भी नोट किया कि अन्य प्लेटफॉर्म्स पर इससे ज्यादा विवादास्पद कंटेंट उपलब्ध है, फिर भी फिल्म को रोकना अनुचित है. फिल्ममेकर्स को कोर्ट ऑर्डर की कॉपी प्राप्त करने के बाद रिलीज की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की अनुमति दी गई. इस फैसले से फिल्म उद्योग में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मजबूती मिली है।
सीबीएफसी ने फिल्म पर 21 से 29 आपत्तियां जताई थीं, जिनमें योगी आदित्यनाथ की छवि को नुकसान पहुंचाने, शालीनता का उल्लंघन और सिनेमैटोग्राफ एक्ट के नियमों का हवाला दिया गया. बोर्ड ने फिल्ममेकर्स से योगी से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) मांगा, जो नियमों के खिलाफ था. सीबीएफसी ने मद्रास हाईकोर्ट के एक केस का जिक्र किया जहां किसी व्यक्ति की छवि खराब होने का आरोप था. हालांकि, कोर्ट ने पाया कि सीबीएफसी ने फिल्म नहीं देखी थी और न ही संबंधित किताब पढ़ी, जिसे योगी ने खुद प्रमोट किया था. इन आपत्तियों को खारिज करते हुए कोर्ट ने सीबीएफसी की दलीलों को अस्वीकार कर दिया।
फिल्म ‘अजेय’ योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से राजनीतिक सफर और मुख्यमंत्री बनने तक की कहानी पर आधारित है. यह उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को दर्शाती है. फिल्ममेकर्स ने दावा किया कि सीबीएफसी की कार्रवाई उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन थी. फिल्म में कोई स्पष्ट विवरण डायरेक्टर या एक्टर्स के बारे में नहीं दिए गए, लेकिन यह राजनीतिक बायोपिक के रूप में चर्चा में है।
