मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मकर संक्रांति, उत्तरायणी पर्व शुभकामनाएं : देहरादून, 14 जनवरी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति और उत्तरायणी पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि सूर्यदेव की उपासना, दान और धर्म परायणता का यह पर्व लोगों के जीवन में उत्साह और उमंग का संचार करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मकर संक्रांति और उत्तरायणी पर्व भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। यह पर्व न केवल हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में आपसी भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा देने का भी कार्य करता है। मकर संक्रांति और उत्तरायणी के दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है और इस दिन किए जाने वाले दान-पुण्य का भी धार्मिक दृष्टिकोण से गहरा महत्व है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है, बल्कि यह नई शुरुआत और शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक भी है। मकर संक्रांति के दिन लोग अपने पुराने मत और कर्मों को छोड़कर नये सिरे से जीवन में सकारात्मकता लाने की कोशिश करते हैं। यह पर्व विशेष रूप से सर्दी के मौसम के समाप्ति और सूर्य के उत्तरायण होने के संकेत के रूप में मनाया जाता है, जो मानव जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है।
मुख्यमंत्री ने कामना की कि इस पावन पर्व के अवसर पर भगवान सूर्य की आराधना हम सभी के जीवन में नई शक्ति, समृद्धि और खुशहाली लेकर आए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस पर्व से प्रेरणा लेकर हम सभी अपने समाज की भलाई के लिए कार्य करें और एकजुट होकर प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री ने अंत में प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस पर्व के अवसर पर पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ-साथ समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दें, ताकि हम सब मिलकर एक समृद्ध और खुशहाल समाज की दिशा में आगे बढ़ सकें।
सांस्कृतिक महत्व और दान की परंपरा
मकर संक्रांति और उत्तरायणी पर्व की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता बहुत अधिक है। इस दिन विशेष रूप से लोग गंगा में स्नान कर दान-पुण्य करते हैं। साथ ही, कई स्थानों पर तिल और गुड़ से बने पकवानों का वितरण होता है। यह पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी समाज में एकता और समरसता का संदेश देता है।
मुख्यमंत्री द्वारा दी गई शुभकामनाओं ने प्रदेशवासियों के बीच इस पर्व के महत्व को और अधिक बढ़ा दिया है, और यह संदेश दिया है कि हम सब मिलकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजते हुए, समाज में एकता और समृद्धि को बढ़ावा दें।