हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार ने पार्टी को चिंतित कर दिया है। इस हार के बाद कांग्रेस ने झारखंड और महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रणनीति को सुधारने का निर्णय लिया है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने महसूस किया है कि यदि हरियाणा में प्रचार में कम हिस्सेदारी ने नुकसान पहुंचाया, तो इसे दोहराने की गलती नहीं की जानी चाहिए।
राहुल गांधी ने हाल ही में रांची में एक सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को नियंत्रित करने का आरोप लगाया। यह सम्मेलन झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए उनके चुनावी अभियान की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को राहुल गांधी महाविकास अघाड़ी के चुनाव प्रचार अभियान का औपचारिक आगाज करेंगे।
हरियाणा की हार से सीख
हरियाणा में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी की छवि में सकारात्मक बदलाव की बातें की थीं, लेकिन चुनाव के दौरान राहुल का सीमित समय होना और भूपेंद्र सिंह हुडडा पर निर्भरता ने पार्टी को कमजोर कर दिया। प्रियंका गांधी वाड्रा की भी सीमित भागीदारी रही, जो कि चुनावी अभियान में प्रभाव डालने में असफल रही।
झारखंड और महाराष्ट्र का महत्व
झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन चुनावों के परिणाम पार्टी की सियासत को मजबूत कर सकते हैं और हरियाणा में मिली हार के बाद पार्टी को एक नया मनोबल देने का काम कर सकते हैं। खासकर महाराष्ट्र में, जहां कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन की संभावनाएं बेहतर बताई जा रही हैं।
राहुल गांधी के व्यापक चुनावी दौरे की योजना तैयार की जा रही है, जिसमें वे दर्जनों सभाएं करेंगे। इससे पार्टी को न केवल चुनावी मैदान में मजबूती मिलेगी, बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच एक नया उत्साह भी पैदा होगा।
भविष्य की दिशा
महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस की सफलता ना केवल इन राज्यों के लिए, बल्कि पूरे देश में विपक्षी एकता और कांग्रेस की सियासी साख के लिए महत्वपूर्ण होगी। राहुल गांधी का फोकस इन चुनावों पर रहने से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस हर हाल में अपनी खोई हुई स्थिति को वापस पाना चाहती है। इन चुनौतियों के बीच, राहुल को वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए भी समय निकालना होगा, जहां उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा अपना पहला चुनाव लड़ रही हैं। इस प्रकार, कांग्रेस अब एक नई दिशा में बढ़ते हुए, चुनावी राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार है।