बहानेबाजी और बवाल खड़ा करना कांग्रेस की नीति :- तमाम तैयारियों , लाव लश्कर , सरकारी और राजनीतिक लोगों का जमावड़ा गैरसैण को लगा खेला इस बार थोड़ा लंबा चलेगा लेकिन यकायक एक दिन में एक्शन और रात का ड्रामा कुछ नोकझोक और तयशुदा कामकाज के सिवा दर्शकों को कुछ ख़ास नहीं मिला लिहाज़ा चमोली ही नहीं उत्तराखंड के लाखों लोगों को कुल जमा औसत दर्जे की फिल्म ही देखकर संतोष करना पड़ा हांलाकि फिल्म के मुख्य किरदार में सरकार ने अपना काम पूरा किया और बाकी कलाकारों को चौंकाते हुए नाटकीय अंदाज़ में फिल्म गैरसैण को खत्म कर दिया।
अब समीक्षा की बारी आई तो देहरादून में पार्टी के एक्सपर्ट अपनी भड़ास भी जमकर निकालते दिखे। विपक्ष ने कहा की सरकार बहस और जवाबदेही से भाग गयी तो सरकार ने बोल दिया कांग्रेस तो बवाल खड़ा करने की पॉलिटिक्स करती है।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस का आरोप है की केवल तीन दिनों के गैरसैंण सत्र में सरकार विपक्ष के द्वारा जन सरोकारों के मुद्दों को उठाए जाने से घबरा कर सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दूसरे ही दिन गैरसैंण से उल्टे पांव भाग खड़ी हुई उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि तीन दिन का सत्र ही नाकाफी था।
प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए और फिर पीठ द्वारा कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष की नियम ३१० के अंतर्गत प्रदेश की ध्वस्त पड़ी कानून व्यवस्था और प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा पर बहस की मांग अग्राह्य करना सरकार की अक्षमता को दर्शाता है ।
धस्माना ने कहा कि पूरे राज्य में कानून व्यवस्था चौपट है, प्रदेश में पंचायत चुनावों में जिस तरह से नैनीताल में जहां माननीय उच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश समेत सारी बैंच के माननीय न्यायाधीश रहते हैं और मंडल के कमिश्नर, आईजी बैठते हैं उनकी नाक के नीचे जिला पंचायत सदस्यों का हथियारबंद लोग अपहरण करते हैं और बेताल घाट में प्रमुख चुनावों में पुलिस के सामने गोलियां चलती है और दोनों मामलों में पुलिस मूक दर्शक बनी रहती है यह प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का सबसे बड़ा उदाहरण है।
वहीँ मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जहाँ भी कांग्रेस चुनाव हारती है, वहाँ उसका हंगामा करना तय हो जाता है। लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करने के बजाय इस पार्टी ने बहानेबाजी और बवाल खड़ा करना ही अपनी नीति बना लिया है। जनता के स्पष्ट जनादेश को नकारकर भारत के लोकतंत्र का अपमान करना ही कांग्रेस की सबसे बड़ी आदत बन चुकी है।
भारतीय जनता पार्टी ने भी सदन में कांग्रेस के रवैये पर तीखा हमला किया और कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई से बने संसाधनों को नुकसान पहुंचा कर कोई कैसे जनता की आवाज उठा सकता है?
कांग्रेस का ये तरीका ना सिर्फ लोकतंत्र का अपमान है, बल्कि उनकी राजनीतिक बौखलाहट को भी दर्शाता है। विपक्ष अपनी ड्रामेबाजी में व्यस्त था, भाजपा सरकार अपने जनहित के कार्यों में , उत्तराखंड विधानसभा में भाजपा सरकार ने जनहित के 9 निर्णायक विधेयक पेश किये और मानसून सत्र तय समय से पहले खत्म किया।