दिल्ली में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों ने इसे गंभीर स्वास्थ्य आपातकाल करार दिया है, जिसमें खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों, और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को ज्यादा खतरा है।
राजधानी का AQI 400 के पार चला गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। मुख्य कारण पराली जलाना, वाहन प्रदूषण, और उद्योगों से निकलने वाला धुआं हैं। वहीं, ठंड बढ़ने के साथ-साथ हवा में सुधार की संभावना कम हो रही है। दिल्ली सरकार ने स्कूलों को बंद रखने, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने और ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को लागू करने की घोषणा की है। इसके अलावा, नागरिकों को घर के अंदर रहने और बाहर निकलने पर मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़ों की बीमारियां, अस्थमा, और हृदय रोग जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग बाहर की गतिविधियों को कम करें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक कदम उठाने की जरूरत है। इनमें सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, हरित क्षेत्रों का विस्तार करना, और पराली जलाने पर सख्ती शामिल हैं।