नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है। विभिन्न किसान संगठनों के बैनर तले यह आंदोलन जारी है, जिसमें जमीन मुआवजे से लेकर रोजगार तक की मांग की जा रही है। इस प्रदर्शन ने ट्रैफिक और प्रशासनिक व्यवस्था को भी प्रभावित किया है।
प्रदर्शन में शामिल किसान उत्तर प्रदेश और हरियाणा के विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए हैं। इनमें मुख्य रूप से भाकियू (भारतीय किसान यूनियन) और अन्य क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं। किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक बॉर्डर से नहीं हटेंगे।
जमीन मुआवजा: किसानों ने अपनी जमीन के उचित मुआवजे की मांग की है, जो विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई थी।
रोजगार: प्रभावित परिवारों के लिए रोजगार के वादे को पूरा करने की अपील की गई है।
बुनियादी सुविधाएं: किसानों ने क्षेत्र में बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाओं की मांग की है।
अन्य वादे: किसानों का कहना है कि सरकार ने पहले किए गए कई वादे अब तक पूरे नहीं किए हैं।
इस प्रदर्शन का सबसे बड़ा असर नोएडा-दिल्ली के ट्रैफिक पर पड़ा है। बॉर्डर पर लंबी कतारें लग गई हैं, जिससे लोगों को घंटों जाम का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने कुछ वैकल्पिक रास्तों की व्यवस्था की है, लेकिन समस्या पूरी तरह हल नहीं हो पाई है।
प्रशासन ने किसानों से बातचीत करने की कोशिश की है। अधिकारियों का कहना है कि उनकी मांगों पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा। हालांकि, किसानों का कहना है कि जब तक लिखित में समाधान नहीं मिलता, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।