केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज हो गई हैं। कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, करण मेहरा, यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, हरक सिंह, गणेश गोदियाल जैसे कई नेता और कार्यकर्ता पहुंचे। इन नेताओं ने एकजुट होकर भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और जनता से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की।
कांग्रेस के नेताओं ने केदारनाथ धाम के निर्माण, चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं, सोने का पीतल होने के आरोप और इस साल की आपदा के बाद लचर प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता अपनी उपेक्षा से आहत है और भाजपा को बदरीनाथ और मंगलौर की तरह केदारनाथ में हार का सामना करना पड़ेगा।
वहीं, भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल के समर्थन में ऊखीमठ और रुद्रप्रयाग में आयोजित जनसभा में भाजपा नेताओं ने क्षेत्रीय जनता से 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत देकर आशा नौटियाल को विजयी बनाने की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदार भूमि से गहरे रिश्ते का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी ने कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा।
भाजपा नेताओं ने पूर्व विधायक स्व. शैलारानी रावत को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा केदारनाथ के विकास को प्राथमिकता दी। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह तुष्टीकरण और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनके शासन में ही मुंबई में बद्रीनाथ के नाम से मंदिर का निर्माण किया गया था, जिस पर कांग्रेस को जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा के समय कांग्रेस के लोग नजर नहीं आते और बाबा केदार कांग्रेस के झूठ का फल उन्हें अवश्य देंगे।
इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, लोकसभा सांसद अनिल बलूनी, राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक भरत चौधरी, अनिल नौटियाल, भूपाल राम टम्टा, जिलाध्यक्ष महावीर पंवार समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
उपचुनाव के इस राजनीतिक संग्राम में दोनों दलों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगाई है, जो कि चुनाव के परिणाम पर असर डालने की क्षमता रखती है। जनता को अब यह तय करना है कि वह किस दिशा में मतदान करेगी।