आटा, तेल, चावल… जीएसटी में कटौती के बाद हर महीने कितने रुपये की होगी बचत? :- 22 सितंबर से देशभर में जीएसटी की नई दरें लागू हो गई हैं. 3 सितंबर को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में कई जरूरी चीजों पर कर दरों में कटौती का निर्णय लिया गया था.कार, बाइक से लेकर किचन के बर्तनों और रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं तक पर जीएसटी रेट घटा दिया गया है।
इन बदलावों के लागू होने के बाद अब बाजार में कई चीजें पहले के मुकाबले सस्ती हो गई हैं. इसका सीधा फायदा मिडिल क्लास यानी मध्यमवर्गीय परिवारों को मिल रहा है. नई दरों के साथ अब हर किसी के मन में यह सवाल है कि कीमतों में कमी आने के बाद एक आम परिवार हर महीने कितने रुपये बचा सकता है? आइए, इसका पूरा गुणा-गणित विस्तार से समझते हैं।
वाहन खरीदने वालों के लिए राहत
त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और आमतौर पर इसी समय मिडिल क्लास परिवारों द्वारा बाइक, स्कूटर और कारों की खरीदारी की जाती है. इस बार वाहन खरीदने वालों के लिए राहत की खबर है क्योंकि जीएसटी परिषद ने वाहनों पर लगने वाला टैक्स घटा दिया है.कार, दोपहिया और थ्री-व्हीलर्स पर जीएसटी की दर पहले 28 फीसदी थी, जिसे अब घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है.वहीं, साइकिल पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक:
1 लाख रुपये की बाइक पर अब सीधा ₹10,000 की बचत होगी.
6 से 8 लाख रुपये की कार खरीदने पर ₹60,000 से ₹80,000 तक की सीधी बचत होगी.
₹3 लाख रुपये के ऑटो रिक्शा पर अब ₹30,000 की सीधी छूट मिलेगी.
इसके अलावा, वाहनों के कलपुर्जों जैसे ब्रेक, टायर, लाइट आदि पर भी जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है. इसका मतलब है कि भविष्य में वाहन के मेंटेनेंस और रिपेयर में भी खर्च कम होगा और जेब पर बोझ घटेगा.
रोजमर्रा के सामान पर कितना पैसा बचेगा
हर मिडिल क्लास परिवार का एक बड़ा हिस्सा खर्च रोजमर्रा की जरूरतों पर होता है. साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, हेयर ऑयल, टूथ पाउडर जैसी बुनियादी चीजें हर घर में इस्तेमाल होती हैं.अब इन सभी उत्पादों पर जीएसटी की दर घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है. इससे पहले इन पर 12% से अधिक टैक्स लगता था.इसके अलावा डायपर, बेबी बॉटल, किचन के बर्तन, सिलाई मशीन, माचिस और मोमबत्ती पर भी जीएसटी की दरों में कटौती की गई है।
यदि कोई मिडिल क्लास परिवार इन चीजों पर महीने में ₹5,000 खर्च करता था, तो अब उन्हें सीधे ₹500 की बचत होगी.छोटी दिखने वाली यह बचत जब साल भर के आंकड़े में जोड़ी जाए तो यह ₹6,000 प्रति वर्ष हो जाती है, जो घर की अन्य ज़रूरतों में काम आ सकती है।
खाने-पीने के सामान पर कितनी बचत
भारतीय परिवारों का एक बड़ा हिस्सा खर्च खाने-पीने की चीजों पर होता है. जीएसटी में कटौती का सबसे अधिक प्रभाव फूड आइटम्स पर पड़ा है, जिनकी कीमतें अब पहले के मुकाबले काफी कम हो गई हैं।
जिन खाद्य उत्पादों पर अब जीएसटी की दर घटाकर 5% कर दी गई है, उनमें शामिल हैं:
दूध, पनीर, मक्खन, घी
चॉकलेट, बिस्किट, नमकीन
पास्ता, नूडल्स, जूस, नारियल पानी आदि.
अगर कोई मिडिल क्लास परिवार इन चीजों पर हर महीने ₹8,000 से ₹10,000 खर्च करता है, तो अब उन्हें हर महीने ₹800 से ₹1,000 की बचत हो सकती है.सभी क्षेत्रों में होने वाली बचत को जोड़ें, तो मिडिल क्लास परिवारों को अब हर महीने औसतन ₹1,500 से ₹2,000 की बचत हो सकती है।
वाहन की खरीद एक बार का खर्च है, लेकिन रोजमर्रा और खाने-पीने की चीजों पर हर महीने होने वाली बचत लंबे समय में काफी मायने रखती है।