यहाँ शिवलिंग से मिलती है ऋणों से मुक्ति : प्रयागराज का मनकामेश्वर मंदिर यमुना तट पर स्थित है , मंदिर में भक्तों की हमेशा काफी भीड़ रहती है और सोमवार को भीड़ कुछ ज्यादा हो जाती है।
सावन के महीने में प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर में भक्तों की नित्य लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं जिससे श्रद्धालुओं को भगवान शिव के दर्शन करने में कई-कई घंटे लग जाते हैं. यहां मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु भगवान शिव से जो भी मांगता है , उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.सावन के महीने में मनकामेश्वर मंदिर में हजारों श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते हैं , ऐसे में इन भक्तों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी लगाया जाता है.प्रयागराज का मनकामेश्वर मंदिर एक अत्यधिक पूजनीय और प्राचीन हिंदू मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
मंदिर का इतिहास और पौराणिक महत्व
यह मंदिर यमुना नदी के किनारे स्थित है और अपनी विशिष्ट वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. मनकामेश्वर मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण और प्रयाग महात्म्य में मिलता है, जो इसकी प्राचीनता और धार्मिक महत्व को दर्शाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम ने माता सीता की इच्छा के अनुसार इस मंदिर की स्थापना की थी, जो भगवान शिव की आराधना करना चाहती थीं। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को भगवान राम द्वारा स्थापित माना जाता है।
ऋण मुकेश्वार शिवलिंग से मिलती है ऋणों से मुक्ति
शिवलिंग मंदिर में एक तीन-आधे फीट का काला पत्थर का शिवलिंग है, जो भगवान शिव की प्रतिमा है. मंदिर परिसर में नंदी और गणेश की मूर्तियाँ भी हैं. मंदिर में एक अन्य महत्वपूर्ण शिवलिंग है, जिसे ऋण मुक्तेश्वर कहा जाता है, जो भक्तों के ऋण और पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है. मंदिर में नियमित रूप से आरती, अभिषेक और अन्य अनुष्ठान होते हैं.मनकामेश्वर मंदिर प्रयागराज का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जो अपनी विशिष्ट वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने वाला माना जाता है और यहाँ का शांत और पवित्र वातावरण भक्तों को आकर्षित करता है।
मनकामेश्वर मंदिर में पैकेट और पॉलीथिन से दूध चढ़ाने पर पाबंदी
सावन महीने की शुरुआत हो रही है जिससे शिव मंदिरों में जोरदार तैयारियां चल रही हैं. प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर में भी भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. मंदिर के महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी के मुताबिक बहुत से शिव भक्त शिवलिंग पर पैकेट से या फिर पॉलीथिन से दूध चढ़ाते हैं, वह पूरी तरह गलत है , शास्त्रों में शिवलिंग पर दूध सोने, चांदी ,तांबे या अन्य पात्र का उपयोग किए जाने का जिक्र है.मनकामेश्वर मंदिर के महंत ने शिवलिंग पर पैकेट या पॉलीथिन से दूध चढ़ाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है और अब श्रद्धालु मंदिर में किसी पात्र से ही दूध चढ़ा सकेंगे।