पहाड़ी राज्यों में हाइब्रिड गाड़ियों को मिल सकती है बड़ी राहत, जल्द होगा ऐलान : उत्तराखंड में पिछले दिनों इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहनों को छूट दी गई थी, लेकिन सरकार के इस फैसले पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों के डीलरों ने सख्त नाराजगी जताई है. उनका कहना कि अगर हाइब्रिड गाड़ियों पर छूट दी जाती है, तो ग्राहक इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने से बचेंगे, ऐसे में वो जो इन्वेस्टमेंट उत्तराखंड में कर रहे हैं, उस पर प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में सरकार इस पॉलिसी में बदलाव कर सकती है।
डीलरों द्वारा नाराजगी दर्ज कराए जाने के बाद इस पॉलिसी को लेकर एक बार फिर से 3 जुलाई को एक बड़ी मीटिंग होने वाली है, जिसमें प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी परिवहन सेक्रेटरी और तमाम अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे, जो इस विषय को लेकर मंथन करेंगे. शासन से मिली जानकारी के अनुसार सरकार हाइब्रिड गाड़ियों पर छूट न दिए जाने की पॉलिसी में बदलाव कर सकती है।
चीफ सेक्रेटरी आनंद वर्धन ने क्या बताया?
चीफ सेक्रेटरी आनंद वर्धन ने कहा कि हम जल्द ही एक मीटिंग करने वाले हैं, जिसमें कोई बड़ा फैसला लिया जा सका है. उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा किसी भी वाहन या अन्य सामान पर इसलिए छूट दी जाती है, ताकि उससे आमजन को प्रकृति को फायदा हो. लेकिन, हाइब्रिड गाड़ियां हो या फिर डीजल गाड़ियां उनका प्रभाव लगभग एक जैसा ही होता है. उनके द्वारा प्रदूषण एक जैसा ही होता है. ऐसे में हाइब्रिड गाड़ियों को छूट देने की क्या आवश्यकता है?
प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया है कि इस विषय पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है, जल्दी एक मीटिंग बुलाई गई है, उसमें कोई फैसला लिया जा सकता है. आपको यहां ये भी बता दें कि धामी सरकार ने कुछ दिन पहले ही घोषणा की थी कि हाइब्रिड गाड़ियों और इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर प्रदेश में, छूट दी जाएगी. लेकिन, लेकिन मौजूदा बदले माहौल में फ़िलहाल इस फैसले में बड़ा बदलाव सम्भव लग।
जानकारों के मुताबिक इसकी सबसे बड़ी वजह इलेक्ट्रिक वाहनों के डीलर बताए जा रहे हैं, जिन्होंने इस फैसले पर आपत्ति जाती है. उनका कहना है कि वो इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर प्रदेश में एक बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं. अगर हाइब्रिड गाड़ियों पर छूट दी जाती है, तो उनको इसका भारी नुकसान होगा. बता दें कि देश में हाइब्रिड गाड़ियों में सबसे बड़ी उत्पादन करने वाली कंपनी टोयोटा है, जो विदेशी कंपनी है. ऐसे में शासन अपने इस फैसले को लेकर एक बार फिर से रिव्यू करने जा रहा है, जिसमें हाईब्रिड वाहनों पर छूट का फैसला वापस लेने की संभावना बढ़ गयी है।