जिले के प्रसिद्ध कैंची धाम ने नैनीताल के धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। बाबा नीब करौरी महाराज की कृपा से यह धाम करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र बन चुका है। रोजाना हजारों श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते हैं, जिससे स्थानीय समुदाय को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। कैंची धाम में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ग्राम प्रधान पंकज निगल्टिया के अनुसार, रोजाना औसतन पांच हजार श्रद्धालु यहाँ पहुँचते हैं। यह संख्या केवल धार्मिक आस्था का ही नहीं, बल्कि स्थानीय विकास का भी प्रतीक है। बढ़ती भीड़ ने क्षेत्र में रोजगार के नए द्वार खोले हैं, जिससे स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिल रहा है।
हालांकि, बढ़ती भीड़ के साथ यातायात प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं की चुनौती भी सामने आ रही है। स्थानीय प्रशासन को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रयास करने होंगे ताकि श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा और बेहतर सुविधाएँ मिल सकें। कैंची धाम के साथ-साथ नैनीताल और इसके आसपास की झीलों का सौंदर्य भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। भीमताल, नौकुचियाताल, सातताल, और गरुड़ताल जैसी झीलें अपने मनमोहक दृश्य और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध हैं। इन झीलों का सौंदर्य देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं, जिससे क्षेत्र का पर्यटन भी फल-फूल रहा है।
कोविड-19 के बाद, कैंची धाम ने फिर से श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया है और इसे कुमाऊं क्षेत्र में पांचवें धाम के रूप में पहचान मिली है। यह बाबा नीब करौरी महाराज की अद्वितीय कृपा और भक्तों की आस्था का परिणाम है, जो इस धाम को और अधिक प्रसिद्ध बना रहा है। कैंची धाम न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह नैनीताल क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बढ़ती भीड़ और रोजगार के अवसर स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त कर रहे हैं। यह आवश्यक है कि स्थानीय प्रशासन इस वृद्धि का समुचित प्रबंधन करें ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिल सके और क्षेत्र का विकास निरंतर जारी रहे।