ऑनलाइन गेमिंग बिल लोकसभा से पास, जानें पैसों के लालच में ऑनलाइन गेम खेलने वालों को क्या होगी सजा :- केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक पेश किया है जो कि लोकसभा से पास हो गया है. ये बिल ऑनलाइन मनी गेम्स पर रोक लगाते हुए ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देगा. इसमें पीड़ितों के लिए कोई सजा नहीं है लेकिन सर्विस प्रोवाइडर, विज्ञापन देने वालों और प्रमोटरों पर कठोर जुर्माना और सजा का प्रावधान है।
ऑनलाइन गेमिंग पर कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार एक बिल लेकर आई है. इसका नाम है ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक’, जो कि लोकसभा से पारित हो गया है. बिल का मकसद ऑनलाइन सोशल गेम्स और ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देते हुए ऑनलाइन गेमिंग को कंट्रोल करना है. हाल ही में पेश किए गए इस विधेयक में ऑनलाइन मनी गेम खेलने वालों के लिए कोई सजा नहीं होगी. केवल सर्विस प्रोवाइडर, विज्ञापनदा देने वालों, प्रमोटरों और ऐसे खेलों को आर्थिक रूप से समर्थन करने वालों को सजा भुगतनी होगी. आइए जानते हैं कि नए बिल में कितनी सजा का प्रावधान है और अधिकारियों के पास कितनी ताकत होगी।
सूत्रों का कहना है कि ऑनलाइन गेम खेलने वालों के लिए कोई सजा नहीं. पीड़ितों के लिए कोई सजा नहीं. बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया ऑनलाइन गेमिंग विधेयक ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देता है. साथ ही ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं, विज्ञापनों और उनसे संबंधित वित्तीय लेनदेन पर रोक लगाता है. सरकार ने कहा कि इस विधेयक का मकसद ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश, संचालन या सुविधा पर पूरी तरह से बैन लगाना है।
कानून लागू होने के बाद नियमों का पालन न करने पर ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश या सुविधा प्रदान करने पर 3 साल तक की कैद और या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. मनी गेम्स का विज्ञापन करने पर 2 साल तक की कैद और/या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. मनी गेम्स से संबंधित वित्तीय लेनदेन के लिए 3 साल तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
ऐसा अपराध दोबारा करने पर 3-5 साल की कैद और 2 करोड़ रुपये तक के जुर्माने सहित बढ़ी हुई सजा हो सकती है. प्रमुख धाराओं के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे. केंद्र सरकार अधिकारियों को अपराधों से जुड़ी डिजिटल या संपत्ति की जांच, तलाशी और जब्ती का भी अधिकार दे सकती है. साथ ही अधिकारियों को संदिग्ध अपराधों के कुछ मामलों में बिना वारंट के प्रवेश करने, तलाशी लेने और गिरफ्तार करने का अधिकार होगा।