संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र और संसद की गरिमा पर जोर देते हुए विपक्ष पर तीखा प्रहार किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “संसद में बैठे हम सभी को जनता जनार्दन की भावनाओं पर खड़ा उतरना पड़ेगा। समय की मांग है कि हम संसद में स्वस्थ चर्चा करें, जिससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें।”
संविधान के 75वें वर्ष का उत्सव
प्रधानमंत्री ने संविधान के 75वें वर्ष का उल्लेख करते हुए इसे लोकतंत्र के लिए एक बड़ा अवसर बताया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने बड़े विस्तार से बहस कर इस उत्तम दस्तावेज का निर्माण किया है। यह हमारे लोकतंत्र की नींव है, जिसे हमें सुदृढ़ करना होगा।
विपक्ष पर निशाना
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए संसद की गतिविधियों को रोकने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा, “जिन्हें जनता ने बार-बार अस्वीकार किया है, वे संसद को हुड़दंग से कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन देश की जनता सब देखती है और समय आने पर जवाब भी देती है।”
नए सांसदों की ऊर्जा पर जोर
प्रधानमंत्री ने नए सांसदों और उनकी नई सोच को प्रोत्साहन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि नए विचार और ऊर्जा देश को आगे ले जाने में सहायक होंगे।
जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का आह्वान
प्रधानमंत्री ने कहा, “लोकतंत्र की शर्त है कि हम जनता-जनार्दन की भावनाओं का सम्मान करें और उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरें। मुझे उम्मीद है कि यह सत्र परिणामकारी होगा और भारत की वैश्विक गरिमा को मजबूत करेगा।”
प्रधानमंत्री ने सत्र के अंत में सभी सांसदों से आग्रह किया कि वे स्वस्थ और परिणामकारी चर्चा में भाग लें, जिससे संसद सत्र ऐतिहासिक बन सके।