सौरभ बहुगुणा का दावा : एक विजन , नेक मिशन और पूरा फोकस …. जी हाँ देश की सबसे बड़ी चुनौती अगर बेरोज़गारी है तो उत्तराखंड सरकार के रोज़गार मंत्री और युवा नेतृत्व के अगुआ सौरभ बहुगुणा ने भी इस चुनौती को जीतने का बीड़ा उठा रखा है। जिस भी फील्ड में संभावना दिखती है वहां रोज़गार और कौशल विकास की योजना से बेरोज़गारों को जोड़ने की मुहीम शुरू की जा रही है। पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में स्वरोज़गार , पशुपालन दुग्ध डेयरी और मैदानी इलाकों में टेक्निकल फील्ड में युवाओं को जोड़ा जा रहा है। यही वजह है कि खुद मुख्यमंत्री धामी भी उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में रोज़गार सृजन को मजबूत आधार मान रहे हैं। इसी कड़ी में फिलिप्स एजुकेशन के सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स द्वारा निरंजनपुर आईटीआई में आयोजित कार्यक्रम में एडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग के 44 ग्रेजुएट्स युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
प्रदेश के कौशल विकास एवं रोज़गार मंत्री, सौरभ बहुगुणा ने इन ग्रेजुएट्स युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। उत्तराखण्ड सरकार के साथ साझेदारी में फिलिप्स एजुकेशन एडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स (सीओई) का हरिद्वार के विशिष्ट आईटीआई में स्थित यह आधुनिक युनिट ग्रेजुएट्स को उद्योग जगत की ज़रूरतों के अनुसार अत्याधुनिक कौशल प्रदान करती है। और उन्हें प्रीमियम मैनुफैक्चरिंग कंपनियों में अच्छे वेतन की नौकरियां हासिल करने में सक्षम बनाती है। कौशल विकास एवं रोज़गार मंत्री, सौरभ बहुगुणा ने प्रोग्राम की सफलता की सराहना करते हुए कहा, “उत्तराखण्ड सरकार युवाओं को रोज़गार के अवसरों के साथ जोड़ने के लिए निरंतर काम कर रही है।
हरिद्वार में यह आधुनिक मैनुफैक्चरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स उत्तराखण्ड के युवाओं को उद्योग-उन्मुख कौशल के साथ सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के प्रयास कौशल की खामियों को दूर कर तथा उच्च गुणवत्ता की नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराकर राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रशिक्षण एवं प्रोग्राम के कारण, ग्रेजुएट्स को अच्छे वेतन के साथ नौकरी शुरू करने का मौका मिला है, इन्हें आम आईटीआई ग्रेजुएट्स की तुलना में दोगुना वेतन मिल रहा है। ये प्रयास राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और ओद्यौगिक विकास को बढ़ावा देने में कारगर होंगे।
फिलिप्स मशीन टूल्स (फिलिप्स कॉर्पोरेशन, यूएसए के भाग) के डिविज़न फिलिप्स एजुकेशन ने सीओई के पाठ्यक्रम के डिज़ाइन एवं डिलीवरी में सक्रिय भूमिका निभाई है, जो आधुनिक उपकरणों जैसे सीएनसी मशीनों (एचएएएस ऑटोमेशन से), कोलाबोरेटिव रोबोट्स (युनिवर्सल रोबोट्स से) और 3 डी प्रिंटर्स (मार्कफोर्ड से) के साथ व्यवहारिक एवं वास्तविक दुनिया के ऐप्लीकेशन्स पर ध्यान केन्द्रित करता है। मंत्री बहुगुणा ने कहा कि, उत्तराखण्ड सरकार ने उत्तराखण्ड कौशल विकास मिशन के माध्यम से 13 ज़िलों के युवाओं को कौशल प्रदान कर बेरोज़गारी को हल करने का लक्ष्य रखा है।सीओई आईटीआई ग्रेजुएट्स के लिए ‘फिनिशिंग स्कूल’ की तरह काम करता है और उन्हें बिना कोई शुल्क लिए तीन माह का गहन प्रशिक्षण देता है। फिलिप्स एजुकेशन द्वारा पावर्ड इस प्रोग्राम के लिए फंडिंग पूरी तरह से उत्तराखंड सरकार और वर्ल्ड बैंक द्वारा दी गई है। इन ग्रेजुएट्स का शुरूआती वेतन आईटीआई ग्रेजुएट्स के आम वेतन की तुलना में दोगुना होता है। जल्द ही तीन नए सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स (सीओई) स्थापित किए जाएंगे- इनमें से दो की स्थापना सहसपुर में और एक की स्थापना बज़पुर में होगी। यह विकास कार्य आधुनिक कौशल विकास के साथ उत्तराखण्ड के युवाओं को सशक्त बनाने की प्रोग्राम की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आईटीआई ग्रेजुएट्स में कौशल की खामियों को दूर करने के लिए अडवान्स्ड मैनुफैक्चरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स (सीओई) की स्थापना सितम्बर 2023 में की गई। इन ग्रेजुएट्स के पास बुनियादी व्यवसायिक कौशलं होता है, लेकिन इन्हें आधुनिक तकनीकों के ज्ञान की ज़रूरत होती है। फिलिप्स एजुकेशन अपने सीओई के माध्यम से उन्हें अडवान्स्ड मशीनिंग, ऑटोमेशन, 3 डी प्रिंटिंग और रोबोटिक्स में व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह प्रशिक्षण छात्रों को आधुनिक मैनुफैक्चरिंग में सफलता हासिल करने के लिए तैयार करता है। इस दौरान फिलिप्स एजुकेशन के अधिकारी, आईटीआई के प्रधानाचार्य समस्त स्टाफ मौजूद रहे।