50 फीट मलबे के नीचे ‘जिंदगी’ की तलाश, पलभर में दफन हो गया खूबसूरत गांव :- उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में बादल फटने से हुई तबाही के बाद अब राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं, बुधवार दोपहर मौसम साफ होने के साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई, अब तक 65 लोगों को सुरक्षित निकालकर मातली क्षेत्र में पहुंचाया गया है।भटवाड़ी से आगे भूस्खलन की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने 12 से अधिक मकानों को खाली करवा लिया है, अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
आपदा कंट्रोल रूम में डटे सीएम धामी
सेना, ITBP, NDRF और प्रशासन की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं, दो घायल सैनिकों को हेलिकॉप्टर के जरिए इलाज के लिए भेजा गया है, बुधवार को पहला चिनूक हेलिकॉप्टर हर्षिल पहुंचा, जिसमें NDRF जवानों के साथ राहत सामग्री और उपकरण लाए गए, चिनूक की मदद से दुर्गम इलाकों में सामग्री पहुंचाई जा रही है।इस आपदा के कारणों की वैज्ञानिक जांच भी शुरू हो रही है, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. विनीत गहलोत के अनुसार, संस्थान की टीम जल्द ही क्षेत्र का भूगर्भीय अध्ययन करेगी ताकि भविष्य की तैयारियों को बेहतर बनाया जा सके।
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, आपदा नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय है और हरसंभव मदद के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली-हर्षिल में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता पर करने और प्रभावितों को भोजन, पेयजल, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सामग्री जल्द उपलब्ध कराने कराने के निर्देश दिए।
सीएम ने बंद सड़क मार्ग को जल्द खोलने को कहा है। जहां तक सड़क मार्ग अवरुद्ध हैं, वहां हेलिकाप्टर के माध्यम से पहुंच बनाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त दवाइयों और चिकित्सा टीमों की उपलब्धता बनाए रखने और बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाओं को तत्काल बहाल करने के भी निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया | उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की समय पर दी गई सहायता से राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकी है।