महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल एकनाथ शिंदे ने खुद को इस रेस से अलग कर लिया है। उन्होंने इस बात की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी फैसला करेंगे, वह उन्हें स्वीकार होगा।
एकनाथ शिंदे ने अपने बयान में कहा, “मैं सीएम की रेस में नहीं हूं। पार्टी का निर्णय ही सर्वोपरि है। पीएम मोदी जो भी फैसला करेंगे, वह हमें स्वीकार होगा।” यह बयान ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र में सियासी माहौल गर्म है और मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य सहयोगी दलों में मुख्यमंत्री पद को लेकर विचार-विमर्श जारी है। शिंदे का यह कदम पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और एकजुटता को दिखाता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शिंदे का यह फैसला पार्टी के भीतर गुटबाजी को रोकने और नेतृत्व के प्रति विश्वास प्रकट करने के लिए है। साथ ही, यह कदम पीएम मोदी के प्रति उनकी वफादारी को भी दर्शाता है। अब सबकी नजरें पीएम मोदी और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपती है।