भारत का कवच बनेगा श्रीकृष्ण का ‘सुदर्शन चक्र’ :- जन्माष्टमी से एक दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र के महान रणनीतिकार भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा लेते हुए भारत के लिए एक नई रक्षा रणनीति की घोषणा की. लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन में पीएम मोदी ने ऐलान किया कि भारत अगले 10 सालों में, यानी साल 2035 तक, ‘सुदर्शन चक्र मिशन’ के तहत एक ऐसा हवाई सुरक्षा कवच और सटीक जवाबी हमले की क्षमता विकसित करेगा, जो दुनिया में बेमिसाल होगी।
भारत का स्वदेशी ‘आयरन डोम’
पीएम मोदी ने कहा कि सुदर्शन चक्र मिशन ऐसा शक्तिशाली हथियार प्रणाली तैयार करेगा, जो ना केवल दुश्मन के हमले को निष्क्रिय करेगा, बल्कि कई गुना ताकत से पलटवार भी करेगा. ये सुरक्षा कवच लगातार फैलता जाएगा, ताकि हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे और भारत के खिलाफ चाहे कैसी भी तकनीक इस्तेमाल हो, हमारी तकनीक हमेशा श्रेष्ठ साबित हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये मिशन पूरी तरह से स्वदेशी होगा. इसका अनुसंधान, विकास और निर्माण भारत में ही होगा. उन्होंने आगे कहा कि इसमें ऐसा तंत्र होगा जो भविष्य की परिस्थितियों का आकलन कर ‘प्लस-वन’ रणनीति तैयार करेगा. पीएम मोदी ने कहा कि सुदर्शन चक्र की सटीकता की तरह, हम भी लक्षित मिसाइल कार्रवाई की व्यवस्था करेंगे. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ये मिशन इजरायल के ‘आयरन डोम’ जैसा भारत का अपना हवाई सुरक्षा कवच होगा।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, ये पीएम मोदी का पहला स्वतंत्रता दिवस संबोधन था. वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने 14 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस पर चीन की तर्ज पर रॉकेट फोर्स बनाने की घोषणा की थी.अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि अगले 10 सालों में, 2035 तक, मैं इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच को विस्तार, मजबूती और आधुनिकता दूंगा. भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा लेते हुए, हमने ‘सुदर्शन चक्र’ का मार्ग चुना है… राष्ट्र ‘सुदर्शन चक्र मिशन’ लॉन्च करने जा रहा है।
IACCS और इंटीग्रेटेड रॉकेट फोर्स का शक्तिशाली संगम
रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि ये मिशन Integrated Air Command and Control System (IACCS) को एक इंटीग्रेटेड रॉकेट फोर्स के साथ जोड़ेगा. IACCS भारत का सबसे उन्नत वायु रक्षा नेटवर्क है, जिसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने विकसित किया है।
ये नेटवर्क रियल-टाइम में देशभर के राडार, सेंसर, एयर डिफेंस डायरेक्शन सेंटर्स (ADDCs) और कंट्रोल एवं रिपोर्टिंग सेंटर्स (CRCs) को जोड़ता है. AFNET हाई-स्पीड नेटवर्क पर आधारित ये प्रणाली दुश्मन के विमान, ड्रोन या मिसाइल की पहचान कर तुरंत जवाबी कार्रवाई करती है. इसमें हालिया AI अपग्रेड भी शामिल हैं, जो हथियारों की तैनाती को और सटीक बनाते हैं।
प्रस्तावित इंटीग्रेटेड रॉकेट फोर्स लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों- जिनमें हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल हो सकती हैं, उन्हें IACCS के साथ जोड़ेगा।
इससे भारत को किसी भी हवाई खतरे की तुरंत पहचान, बहु-स्तरीय वायु रक्षा और सटीक जवाबी हमलों की क्षमता मिलेगी. 2035 तक ये प्रणाली देश के क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर- जैसे अस्पताल, धार्मिक स्थल और अन्य संवेदनशील स्थानों को सुरक्षित करेगी. पीएम मोदी के शब्दों में, ‘सुरक्षा कवच लगातार फैलता रहेगा, ताकि हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे।