ये है भारत का सबसे ईमानदार गांव: आज के समय में जहां दुनिया में चोरी-चकारी की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है, पुलिस का पूरा समय अपराधियों को पकड़ने में ही बीत रहा है, वहां एक ऐसा गांव है, जहां आजतक एक भी चोरी नहीं हुई है. अगर आपको लग रहा है कि हम मजाक कर रहे हैं तो ऐसा बिलकुल नहीं है. ये अनोखा गांव कहीं और नहीं बल्कि भारत में ही है. जी हां, हम बात कर रहे हैं नागालैंड के खोनोमा गांव की.
खोनोमा गांव को भारत का पहला ग्रीन विलेज कहा जाता है. इस गांव का इतिहास सात सौ साल पुराना है और यहां अंगामी जनजाति के लोग रहते हैं. इन आदिवासियों ने भारत की स्वतंत्रता में भी अहम योगदान दिया है. इसके अलावा अपने गांव को बचाने के लिए उन्होंने खुद से ही कई नियम बनाए, जिसे आज भी माना जाता है. इसमें जंगल के पेड़ ना काटना और शिकार पर प्रतिबंध शामिल है. लेकिन इनके अलावा ये गांव एक अन्य कारण से भी जाना जाता है. दरअसल, इस गांव को दुनिया का सबसे ईमानदार गांव कहा जाता है. कारण है कि आजतक इस गांव में एक भी चोरी नहीं हुई है.
दुकान में नहीं होते दुकानदार
इस गांव में आपको कई दुकान नजर आ जायेंगे. यहां लोगों को अपनी जरुरत की सारी चीजें मिल जाएगी. लेकिन यहां आपको कोई दुकानदार नजर नहीं आएगा. जी हां, यहां दुकानों में सामान लेने के बाद रखे गए बॉक्स में लोग खुद से ही पैसे रख देते हैं. आजतक यहां चोरी की एक भी घटना नहीं हुई है. ऐसे में ज्यादातर लोग अपने घर में ताला भी नहीं लगाते हैं.
इस गांव को भारत का पहला ग्रीन विलेज कहा जाता है. 2011 की जनगणना के मुताबिक़, गांव में कुल 424 परिवार रहते हैं, जो बहादुरी और मार्शल आर्ट्स के लिए जाने जाते हैं. पहले जहां इस गांव में शिकार किया जाता था लेकिन 1998 में लोगों ने खुद ही इसपर प्रतिबंध लगा दिया. यहां पेड़ों की कटाई भी नहीं की जाती है. अगर किसी को कुछ बनवाना है तो वो सिर्फ पेड़ों की टहनियां काट लेते हैं. ये गांव भारत के अन्य गांवों के लिए मिसाल बना हुआ है.