उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस, हमारे लिए न केवल एक ऐतिहासिक दिन है, बल्कि यह हमारे संघर्ष, समर्पण और एकता का प्रतीक भी है। इस दिन हम सभी उन अमर शहीदों और आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया। यह दिन हमारी पहचान, हमारी संस्कृति और हमारे राज्य की गौरवपूर्ण यात्रा की याद दिलाता है।
आज जब हम इस दिन को मनाते हैं, तो हम न सिर्फ राज्य की उपलब्धियों को सम्मानित करते हैं, बल्कि यह हमे यह भी याद दिलाता है कि जिस भूमि पर हम खड़े हैं, उस भूमि का संघर्ष और बलिदान हमारे आगे के मार्ग को निर्धारित करता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के इस अवसर पर राज्य के सभी नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और साथ ही उन शहीदों को नमन किया जिन्होंने इस राज्य को अपने खून से सींचा। मुख्यमंत्री ने राज्य के युवाओं और नागरिकों से अपील की कि हम सब मिलकर राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक मूल्यों का सम्मान करते हुए उत्तराखण्ड को एक आदर्श राज्य बनाने के लिए अपना योगदान दें।
उत्तराखण्ड राज्य आज अपनी स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने इस साल राज्य स्थापना दिवस को ‘देवभूमि रजत उत्सव’ के रूप में मनाने की घोषणा की। यह उत्सव न केवल राज्य की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे सामने भविष्य के लिए और भी ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करने का एक अवसर भी है।
उत्तराखण्ड, जो पहले एक आदिवासी और संघर्षशील प्रदेश था, अब प्रगति और विकास के रास्ते पर तेज़ी से बढ़ रहा है। राज्य के प्राकृतिक संसाधन, सांस्कृतिक धरोहर, और सामाजिक पहलू अब न केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे पूरे देश और दुनिया में उत्तराखण्ड की पहचान को नया आकार दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निरंतर प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है। चाहे वह सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य या पर्यटन के क्षेत्र में हो, राज्य ने कई नए विकास लक्ष्य हासिल किए हैं। राज्य सरकार ने पीएम मोदी के मार्गदर्शन में कई नई योजनाओं और परियोजनाओं को लागू किया है जो राज्य की समृद्धि को और मजबूत करने का काम कर रही हैं।
धामी जी ने यह भी बताया कि राज्य में महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, रोजगार, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण नीतियां बनाई जा रही हैं। साथ ही उन्होंने राज्य के युवाओं को अपनी पूरी क्षमता के साथ विकास कार्यों में शामिल होने का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक मूल्यों को बनाए रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजते हुए राज्य के विकास में योगदान देंगे, तो उत्तराखण्ड न केवल एक राज्य बनेगा, बल्कि यह देश और दुनिया में आदर्श राज्य के रूप में उभरेगा।
धामी जी ने अपने संबोधन में राज्य के नागरिकों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों को ईमानदारी, निष्ठा और लगन के साथ निभाएं ताकि हम सब मिलकर उत्तराखण्ड को एक समृद्ध और आदर्श राज्य बना सकें।
राज्य स्थापना दिवस का यह दिन हमें यह समझने का अवसर देता है कि उत्तराखण्ड की प्रगति के लिए हमें केवल सरकार के प्रयासों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि हम सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी। राज्य के विकास में हमारी छोटी-छोटी कोशिशें भी बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह राज्य की प्रगति में अपनी भागीदारी निभाए। चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो, पर्यावरण संरक्षण में, रोजगार सृजन में या समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों में। उत्तराखण्ड की मिट्टी ने हमें अपनी पहचान दी है, अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे और आगे बढ़ाने में अपनी पूरी ताकत लगाएं।