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Home » ग्रामीणों की चिंता और सरकार की अनदेखी
राजनीति

ग्रामीणों की चिंता और सरकार की अनदेखी

Seri village in Kanda tehsil area of Uttarakhand has been facing disaster for the last several years.
Narad PostBy Narad PostNovember 4, 2024No Comments2 Mins Read
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सेरी गांव
सेरी गांव
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उत्तराखंड के कांडा तहसील क्षेत्र का सेरी गांव पिछले कई वर्षों से आपदा की मार झेल रहा है। गांव के घाड़ी और ढोल्यूड़ा तोक में लगभग 30 मकान इस आपदा की चपेट में आ चुके हैं। वर्ष 2005 से घाड़ी और 2013 से ढोल्यूड़ा तोक में जमीन धंसने के कारण घरों में दरारें पड़ गई हैं, जिससे यहां के निवासियों का जीवन खतरे में है।

वर्तमान में लगभग 80 नाली उपजाऊ जमीन में भी दरारें आ चुकी हैं, और चार पेयजल स्रोत सूख गए हैं। प्रशासन ने 2005 की आपदा के बाद कुछ परिवारों को विस्थापित किया था, लेकिन आज भी 18 परिवार ऐसे हैं जो खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दिन तो जैसे-तैसे कट जाता है, लेकिन रातें डर और अनिश्चितता में गुजरती हैं।

पूजा देवी, एक ग्रामीण, ने कहा, “मेरा मकान टूटने के कगार पर है। छोटे बच्चों के साथ रहने में डर लगता है। आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि दूसरी जगह घर बना सकें। अगर सरकार जल्दी मदद करती, तो हम इस डर से मुक्ति पा सकते थे।”

पार्वती देवी ने बताया, “पहले मकान में छोटी दरारें थीं, अब दीवारें भी टूटने लगी हैं। हमारी खेती की जमीन भी सुरक्षित नहीं है। हम शासन-प्रशासन से यही फरियाद करते हैं कि हमारी समस्या को समझें और हमें सुरक्षित स्थान पर मकान दिलाएं।”

राजू धामी, एक अन्य ग्रामीण, ने कहा, “गांव पिछले 20 साल से आपदा की जद में है। मानसून के दौरान डर का माहौल बना रहता है। घरों की दरारों से पानी भीतर आने लगता है, जिससे हम रात को सो नहीं पाते।”

लक्ष्मण सिंह धामी, पूर्व सरपंच, ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बारिश के दिनों में हालात दुष्कर हो जाते हैं। “हमारे घरों के भीतर-बाहर पानी भर जाता है, जिससे हमें अन्यत्र शरण लेनी पड़ती है। साधन-संपन्न लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं।”

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए डीएम बागेश्वर, आशीष भटगांई, ने बताया कि आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन के लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। भू-वैज्ञानिकों की टीम ने सेरी गांव का भ्रमण किया है, और जल्द से जल्द प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने का प्रयास किया जाएगा।

 

 

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