कब और कैसे होगा दुनिया का अंत? वैज्ञानिकों ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी :- क्या आप जानते हैं, महान वैज्ञानिक आइजैक न्यूटन ने बाइबल के रहस्यमय कोड से दुनिया के अंत की तारीख का अनुमान लगाया था ? उनकी यह भविष्यवाणी इतनी चौंकाने वाली थी कि वैज्ञानिक भी हैरान रह गए।
न्यूटन को हम सब फिजिक्स के पिता के रूप में जानते हैं जो गति के नियम और गुरुत्वाकर्षण की खोज के लिए मशहूर हुए. लेकिन वो सिर्फ वैज्ञानिक ही नहीं थे बल्कि बाइबल की गहरी पढ़ाई में भी डूबे रहते थे. उन्होंने बाइबल के कोड्स से दुनिया के अंत की तारीख निकाली जो 2060 ईस्वी बताई. ये बात सुनकर आज भी वैज्ञानिक हैरान हो जाते हैं क्योंकि न्यूटन इतने स्मार्ट थे।
न्यूटन का जन्म 1643 में हुआ और वो प्रोटेस्टेंट परिवार से थे जो बाइबल को बहुत महत्व देते थे. उन्होंने अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या में लगाया और लाखों शब्द लिखे. कीमिया और ज्योतिष के अलावा बाइबल उनके लिए एक कोड बुक की तरह थी. वो मानते थे कि बाइबल में छिपे संकेत भविष्य बता सकते हैं।
न्यूटन ने मुख्य रूप से दानिय्येल की किताब और प्रकाशितवाक्य की किताब पर काम किया जो अंत समय की भविष्यवाणियां बताती हैं. इनमें संख्याएं और प्रतीक हैं जैसे 1260 दिन जो सालों में बदल जाते हैं. उन्होंने इनका ऐतिहासिक घटनाओं से मिलान किया ताकि समयरेखा बना सकें. ये उनकी गणितीय सोच का कमाल था जो विज्ञान से धर्म तक फैली हुई थी।
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न्यूटन ने बाइबल के एक वाक्य समय और आधे समय को आधार बनाया जो क्लेश के काल का संकेत देता है. उन्होंने इसे 1260 साल माना और होली रोमन एम्पायर के शुरू होने की तारीख 800 ईस्वी से जोड़ा. 800 प्लस 1260 बराबर 2060 हो जाता है जो उनके हिसाब से एक युग का अंत बताता है. ये गणना उन्होंने 1704 में एक पत्र में लिखी जो बाद में मिली।
न्यूटन का मानना था कि 2060 में दुनिया का अंत नहीं बल्कि एक नया युग शुरू होगा शांति और नवीकरण के साथ. ये ईसा मसीह के दूसरे आगमन का समय हो सकता है न कि तबाही का. उन्होंने कभी सख्त तारीख नहीं लगाई बल्कि कहा कि ये इससे देर हो सकता है लेकिन जल्दी नहीं. वैज्ञानिक आज भी कहते हैं कि ये न्यूटन की धार्मिक जिज्ञासा का नतीजा था।
