कौन होगा दुनिया का अगला पोप : कौथोलिक चर्च के 266वें पोप फ्रांसिस की तबीयत खराब है. उनकी सेहत गंभीर स्थिति में बनी हुई है. 80 साल की उम्र में निमोनिया से जूझ रहे पोप के स्वास्थ्य के लिए दुनियाभर में प्रार्थनाएं की जा रही हैं. पोप की सेहत को देखते हुए दुनियाभर में उनकी विरासत को लेकर चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं पोप फ्रांसिस के संभावित उत्तराधिकारी कौन हैं?
कैथोलिक चर्च के 266वें पोप फ्रांसिस की बिगड़ती सेहत ने वेटिकन में हलचल बढ़ा दी है. 80 वर्षीय पोप लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं और हाल ही में उन्हें निमोनिया और एनीमिया के चलते रोम के गेमेली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. सांस लेने में दिक्कत और गिरते स्वास्थ्य के कारण दुनियाभर में उनके लिए प्रार्थनाएं हो रही हैं और साथ ही उनकी विरासत को लेकर चर्चाएं भी.
अगर पोप फ्रांसिस अपने पूर्ववर्ती पोप बेनेडिक्ट XVI की तरह इस्तीफा देते हैं, तो उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? 2013 में पोप बेनेडिक्ट XVI ने खराब सेहत के चलते पद छोड़ा था, और अब चर्च के भीतर ऐसी ही संभावनाओं पर चर्चा तेज हो गई है. क्या वेटिकन को अगला पोप एक रूढ़िवादी नेता मिलेगा, या पोप फ्रांसिस की उदारवादी विरासत को कोई आगे बढ़ाएगा? आइए, जानते हैं वे प्रमुख नाम जो इस दौड़ में सबसे आगे हैं.
पोप के संभावित उत्तराधिकारी कौन हैं?
अभी तक पोप फ्रांसिस ने अपना कोई उत्तराधिकारी नामित नहीं किया है. पोप का उत्तराधिकारी कोई भी रोमन कैथोलिक बन सकता है. पोप की विरासत को आमतौर पर कार्डिनल ही संभालते हैं. कार्डिनल कैथोलिक चर्च के वरिष्ठ धर्मगुरु होते हैं. ये पोप की सलाहकार मंडली में होते हैं. इनके पास नए पोप के चुनाव का अधिकार होता है. वे चर्च की सर्वोच्च परिषद कॉलेज ऑफ कार्डिनल का सदस्य होते हैं. चर्च के प्रशासन, नीति-निर्माण और महत्वपूर्ण फैसलों पर पोप की मदद कार्डिनल ही करते हैं. वे वेटिकन और अन्य देशों में चर्च से जुड़े मामलों पर नजर रखते हैं.
कौन हो सकते हैं नए पोप? ये नाम चर्चा में
वेटिकन सिटी में 253 कार्डिनल हैं. वोटिंग के अधिकार से 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बाहर रखा जाता है. सिर्फ 138 कार्डिनल के पास ही मतदान का अधिकार है.
1. कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन: वेटिकन की सत्ता संरचना में एक बड़ा नाम, कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन का है, जो पिछले एक दशक से पोप फ्रांसिस के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में गिने जाते हैं. बतौर गृह सचिव (सेक्रेटरी ऑफ स्टेट), वे 2013 से वेटिकन की कूटनीति और प्रशासन का नेतृत्व कर रहे हैं. उनकी उम्र 70 साल है. वे इटली के वेनेतो क्षेत्र से हैं और इस बार के पोप चुनावी कॉन्क्लेव में सबसे ऊंचे पद पर काबिज कार्डिनल हैं. 2014 में उन्हें कार्डिनल का ओहदा मिला था.
2. कार्डिनल पीटर एर्डो: कैथोलिक चर्च में एक ऐसा नाम, जो अपने रूढ़िवादी और परंपरागत विचारों के लिए जाने जाते हैं. इनकी उम्र 72 साल है. साल 2003 में पोप जॉन पॉल द्वितीय ने उन्हें कार्डिनल बनाया था. वे यूरोप के बिशप सम्मेलन परिषद के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं और कैथोलिक परंपराओं के कड़े समर्थक माने जाते हैं. वह तलाकशुदा और पुनर्विवाहित कैथोलिकों को ‘होली फूड’ का अधिकार नहीं देना चाहते हैं.
3. कार्डिनल लुइस एंटोनियो टैगले: लुइस एंटोनियो की उम्र 67 साल है. अगर ये पोप चुने जाते हैं, तो वे इतिहास में पहले एशियाई पोप बन सकते हैं. उन्हें 2012 में पोप बेनेडिक्ट XVI ने कार्डिनल बनाया था. टैगले की छवि चर्च के सबसे प्रगतिशील नेताओं में से एक की रही है. वे पोप फ्रांसिस की नीतियों और उनकी सोच के करीबी माने जाते हैं. खासकर जब बात LGBTQ समुदाय, अविवाहित माताओं और तलाकशुदा कैथोलिकों की हो, तो उन्होंने चर्च की कठोर भाषा और पक्षपातपूर्ण रवैये पर खुलकर सवाल उठाए हैं.