एक दुख भरा दिन जिसे गुड फ्राइडे क्यों कहा जाता है: गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का एक पवित्र दिन है. यह दिन यीशु मसीह की सूली पर चढ़ाए जाने और उनकी मृत्यु की याद में मनाया जाता है. यह ईस्टर संडे से पहले आने वाला शुक्रवार होता है. इस दिन को ईसाई श्रद्धा, प्रार्थना और आत्म-चिंतन के साथ मनाते हैं. यह दिन दुख और शोक से भरा होता है. फिर भी इसे ‘गुड’ यानी ‘अच्छा’ शुक्रवार कहा जाता है. सवाल उठता है कि दुख और बलिदान के इस दिन में ‘अच्छा’ क्या है?
दरअसल, गुड फ्राइडे को ‘गुड’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि ईसाइयों का मानना है कि यीशु ने मानवता के पापों को माफ करवाने के लिए अपनी जान दी. उनका बलिदान मानवता के उद्धार के लिए था. इसी वजह से इसे एक पवित्र और शुभ दिन माना जाता है. पुराने समय में ‘गुड’ शब्द का अर्थ ‘पवित्र’ या ‘धार्मिक’ भी होता था, जैसा कि बाइबल को “गुड बुक” कहा जाता है.
इस दिन के महत्व की कुछ खास बातें
बलिदान और मुक्ति: ईसाई मानते हैं कि यीशु का बलिदान मानव जाति के पापों की क्षमा और अनंत जीवन की आशा लेकर आया.
जीवन यात्रा की पूर्णता: गुड फ्राइडे, यीशु की धरती पर अंतिम यात्रा की परिणति है, जो ईस्टर संडे पर उनके पुनरुत्थान के साथ पूरी होती है.
प्रेम और क्षमा का प्रतीक: यह दिन दर्शाता है कि यीशु ने मानवता के लिए कितनी पीड़ा सहकर प्रेम और करुणा दिखाई.
समझौते का दिन: ईसाई मानते हैं कि यीशु की मृत्यु ने ईश्वर और इंसान के बीच मेल-मिलाप का रास्ता खोला.
आशा और पुनरुत्थान: यह दिन केवल दुख का प्रतीक नहीं है, बल्कि आने वाले पुनरुत्थान और नए जीवन की उम्मीद भी देता है.
कुछ लोग मानते हैं कि ‘गुड फ्राइडे’ शब्द की उत्पत्ति ‘गॉड्स फ्राइडे’ (God’s Friday) से हुई है. हालांकि, भाषाविद इस विचार को सही नहीं मानते. जर्मन भाषा में इसे ‘कार्फ्राइटैग’ (Karfreitag) कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘शोकपूर्ण शुक्रवार’ अन्य भाषाओं में भी इसे ‘होली फ्राइडे’, ‘ब्लैक फ्राइडे’ या ‘ग्रेट फ्राइडे’ कहा जाता है.