आखिर क्यों कहते हैं वृन्दावन को प्रेम की भूमि : पूरे भारत में ऐसी कई जगहें हैं जाे आध्यात्म का केंद्र हैं। उन्हीं में से आध्यात्मिक और पवित्र जगहाें में से एक मथुरा शहर है। ये भारत के सात पवित्र शहरों में से एक है। मथुरा को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि कहा जाता है। उत्तर प्रदेश में स्थित इस शहर में हर साल करोड़ाें भक्त भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के दर्शन करने आते हैं। वैसे तो यूपी में कई फेमस और ऐतिहासिक मंदिर हैं, लेकिन मथुरा और वृंदावन की बात की कुछ और है। वृंदावन की महिमा के बारे में कुछ खास बातें आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
वृंदावन की दूरी मथुरा से करीब 10 किलोमीटर है। कहा जाता है कि वृंदावन में एक समय पर सिर्फ घना जंगल हुआ करता था। यहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बचपन का आधे से ज्यादा समय बिताया है। मथुरा में जहां श्रीकृष्ण जन्मभूमि फेमस है, तो वहीं वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर, राधा वल्लभ और राधा रमण मंदिर की अपनी एक अलग पहचान है।
कहा जाता है कि वृंदावन की खोज चैतन्य महाप्रभु ने 1515 में की थी। चैतन्य महाप्रभु ने अपने शिष्यों को भी वृंदावन भेजा था और भक्ति का विस्तार करने के लिए कहा था। वृंदावन को मथुरा का जुड़वा शहर भी कहा जाता है। यहां भगवान कृष्ण ने अपना बचपन बिताया था। वृंदावन वन के लिए भी दुनियाभर में मशहूर है। ये वन यानी कि जंगल वृंदावन शहर से लेकर बरसाना और नंदग्राम तक फैला हुआ है। दूसरी तरफ इसके किनारों पर गोवर्धन भी है। इन जंगलों में राधा कुंड भी माैजूद है।
यहां भगवान कृष्ण ब्रज की सुंदर गोपियों संग रास नृत्य किया करते थे। वृंदावन ही वो जगह है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी को प्यार से रिझाया था। आपको बता दें कि वृंदावन को तुलसी का वन भी कहा जाता है। यहां तुलसी के बहुत ज्यादा पौधे हैं।
वृंदावन को ‘ब्रज का हृदय’ कहा जाता है. भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन का ज़्यादातर समय वृंदावन में बिताया था, इसलिए इसे बहुत पवित्र माना जाता है. वृंदावन को पृथ्वी का सबसे उत्तम और परम गुप्त भाग कहा गया है.पद्म पुराण में इसे भगवान का साक्षात शरीर, पूर्ण ब्रह्म से संपर्क का स्थान, और सुख का आश्रय बताया गया है.वृंदावन को श्री राधा जी का निज धाम माना जाता है।
वृंदावन में श्री कृष्ण और राधा रानी के कई मंदिर हैं.वृंदावन के निधिवन में कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी रात में गोपियों के साथ रासलीला करते हैं और वहीं सोते हैं.वृंदावन में श्री कृष्ण के साथ-साथ राधे-राधे नाम की भी महिमा है.वृंदावन में गोविंद देव मंदिर, रंगजी मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, और बांकेबिहारी मंदिर जैसे प्रमुख मंदिर हैं.