2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की संभावित वापसी के बीच, कई राजनीतिक और आर्थिक विशेषज्ञों ने यह अनुमान लगाया है कि उनका दूसरा कार्यकाल भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। एक प्रमुख रेटिंग एजेंसी, मोदी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट ने अपनी रिपोर्ट में कुछ अहम वजहों को बताया है, जिनसे भारत को ट्रंप के पुनः राष्ट्रपति बनने से लाभ हो सकता है।
ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी। ट्रंप ने “America First” नीति के तहत भारत को कई व्यापारिक फायदे दिए थे, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और सेवा क्षेत्र में। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप का दूसरा कार्यकाल भारत के लिए व्यापारिक दृष्टि से लाभकारी हो सकता है, क्योंकि वह भारत को बाजार में अधिक अवसर देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
भारत-अमेरिका व्यापार में निर्यात और निवेश के लिहाज से यह एक सकारात्मक कदम हो सकता है। विशेषकर आईटी सेवाओं, ऑटोमोटिव उत्पादों, और दवा उद्योग में भारतीय कंपनियों को अमेरिका से जुड़े अवसर बढ़ सकते हैं।
ट्रंप प्रशासन के दौरान, अमेरिका ने चीन के खिलाफ कठोर नीतियाँ अपनाई थीं। ट्रंप ने चीन पर वाणिज्यिक दंड और व्यापारिक प्रतिबंध लगाए थे, और इसने भारत को एक प्राकृतिक साझीदार के रूप में उभारा था।
रेटिंग एजेंसी का कहना है कि अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो वह भारत को चीन के खिलाफ अपने रणनीतिक साझीदार के रूप में महत्व दे सकते हैं। यह भारत के लिए एक सैन्य और रणनीतिक दृष्टिकोण से लाभकारी हो सकता है, क्योंकि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लगातार एक प्रमुख मुद्दा रहा है।
ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति बढ़ी थी। अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सहयोग मजबूत हुआ था, और ट्रंप ने भारत को सैन्य उपकरणों और तकनीकी सहयोग के लिए विशेष छूट दी थी। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भी रक्षा संबंधों को और बढ़ावा मिल सकता है, जिससे भारत को अपनी सुरक्षा स्थिति और रणनीतिक ताकत को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, ट्रंप के नेतृत्व में, अमेरिका भारत को विभिन्न सैन्य तकनीकी सहायता और सुरक्षा संबंधित समझौतों में सहयोग बढ़ा सकता है, जो भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।
ट्रंप के पहले कार्यकाल में, अमेरिका ने अपनी परंपरागत सहयोगियों से दूरी बनानी शुरू की थी और भारत जैसे देशों के लिए वैश्विक मंचों पर ज्यादा स्थान बनाया था। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप का दूसरा कार्यकाल भारत को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का और अवसर दे सकता है।
अगर ट्रंप फिर से सत्ता में आते हैं, तो भारत को अमेरिका के साथ अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत करने का और अवसर मिल सकता है। यह UN, G20, और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के प्रभाव को बढ़ा सकता है।
ट्रंप प्रशासन के दौरान, अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए थे, विशेष रूप से आतंकी संगठनों को समर्थन देने के कारण। ट्रंप ने पाकिस्तान को आर्थिक सहायता में कटौती की थी और उसे आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए प्रेरित किया था।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, यदि ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो वह पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा सकते हैं, जिससे भारत को अपनी सुरक्षा स्थिति में सुधार मिल सकता है। ट्रंप का दूसरा कार्यकाल भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन दिलाने में मदद कर सकता है, और आतंकवाद से निपटने में सहारा मिल सकता है।
ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियाँ भारत के लिए कुछ क्षेत्रों में फायदेमंद हो सकती हैं। जैसे कि भारतीय उत्पादों को अमेरिका में अधिक अवसर मिल सकते हैं। विशेष रूप से, आईटी उद्योग, ऑटोमोबाइल, और दवाइयों के मामले में, ट्रंप की नीतियाँ भारत को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए बेहतर अवसर प्रदान कर सकती हैं।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, ट्रंप की व्यापारिक नीतियाँ भारतीय निर्यातकों को अमेरिका में विशेष छूट और सुरक्षित व्यापारिक वातावरण मुहैया कर सकती हैं, जिससे भारत के व्यापारियों और कंपनियों को लंबी अवधि में फायदा हो सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल भारत के लिए कई आर्थिक, रक्षा, और रणनीतिक लाभ लेकर आ सकता है। भारत को उम्मीद है कि ट्रंप के नेतृत्व में उसे चीन के खिलाफ अधिक समर्थन मिलेगा, साथ ही व्यापार और रक्षा क्षेत्र में भी मुनाफे के अवसर बढ़ सकते हैं। भारत-अमेरिका संबंध और वैश्विक मंचों पर भारत का प्रभाव भी ट्रंप के कार्यकाल में बढ़ सकता है।
हालांकि, ट्रंप के कार्यकाल के दौरान कई मुद्दे संवेदनशील हो सकते हैं, जैसे उनके संरक्षणवादी दृष्टिकोण और वैश्विक सहयोग के प्रति रवैया, लेकिन भारत के लिए यह अवसर भी हो सकता है कि वह अपनी आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को मजबूत करे।