आजकल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बिल्ली भगवान शनि की मूर्ति के चारों ओर परिक्रमा करती नजर आ रही है। यह वीडियो महाराष्ट्र के प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर का है, और खास बात यह है कि ये बिल्ली पिछले तीन दिनों से बिना रुके मूर्ति की परिक्रमा कर रही है। वीडियो देखकर हर कोई हैरान है, क्योंकि आमतौर पर हम इंसानों को ही मंदिर में परिक्रमा करते हुए देखते हैं, लेकिन इस वीडियो में बिल्ली की परिक्रमा करना एक अद्भुत दृश्य है।
बिल्ली की परिक्रमा ने भक्तों को किया हैरान
मंदिर में आए हुए भक्तों को जब इस बिल्ली को परिक्रमा करते देखा, तो वे दंग रह गए। वीडियो में देखा जा सकता है कि बिल्ली लगातार शनि देव की मूर्ति के चारों ओर चक्कर लगा रही है। खास बात यह है कि, आमतौर पर बिल्ली किसी भी इंसान या हलचल से डर कर भाग जाती है, लेकिन इस बिल्ली ने न केवल भक्तों के पास आकर परिक्रमा की, बल्कि बिना किसी भय के यह अपना कार्य जारी रखा।
इस वीडियो को Instagram पर एमपी_वाले (@mp_wallee) नाम के हैंडल से दो दिन पहले शेयर किया गया था। इस वीडियो के साथ एक कैप्शन भी लिखा गया है, जिसमें बताया गया है कि यह दृश्य शनि शिंगणापुर मंदिर का है, और यह बिल्ली पिछले तीन दिनों से लगातार परिक्रमा कर रही है।
भक्तों का अनुभव
वीडियो में कुछ भक्तों को पूजा करते हुए भी देखा जा सकता है, जबकि बिल्ली पूरी निष्ठा के साथ परिक्रमा करती रहती है। इस दृश्य को देखकर कई लोग इसे शनि देव की कृपा मान रहे हैं और यह कह रहे हैं कि यह बिल्ली शायद शनि देव की भक्त है। कुछ लोग इसे मंदिर में आकर शनि देव की पूजा करने का संकेत भी मान रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
वीडियो के वायरल होने के बाद कई लोग इस दृश्य को अद्भुत मान रहे हैं और इसे शनि देव का आशीर्वाद बता रहे हैं। शनि शिंगणापुर मंदिर, जो अपनी विशेषताओं और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है, इस तरह के अजीबोगरीब घटनाओं के लिए भी जाना जाता है। अब इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर सभी का ध्यान खींच लिया है और लोग इसे बार-बार देख रहे हैं।
शनि शिंगणापुर मंदिर
शनि शिंगणापुर मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है और यह शनि देव के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में शनि देव की मूर्ति के सामने कोई छत नहीं है, और यह मंदिर अपनी रहस्यमयी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में आने से शनि के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं और भक्तों को शांति और समृद्धि मिलती है।