उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों और मैदानी इलाकों में एक बार फिर ठंड बढ़ने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून समेत उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में पाला गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के चलते इन क्षेत्रों में तापमान में गिरावट और ठंड के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, 21 दिसंबर के बाद प्रदेश भर में मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि, दिसंबर के अंत में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है, जिसके बाद एक बार फिर बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई जा रही है। मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि दिसंबर के अंतिम दिनों में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा। इसका प्रभाव मुख्य रूप से पर्वतीय इलाकों पर रहेगा, जहां बर्फबारी हो सकती है और ठंड बढ़ सकती है।
ठंड का बढ़ता असर
शुक्रवार को देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान एक डिग्री घटकर 5.9 डिग्री सेल्सियस रहा। शनिवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। ऐसे में ठंड का असर और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, जिससे प्रदेशवासी एक बार फिर ठंड से बचाव के उपायों में जुट सकते हैं।
पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से दिसंबर के अंतिम दिनों में पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है, जो ठंड को और तीव्र बना सकती है। इस दौरान लोगों को खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। वहीं, मैदानी इलाकों में भी पाला गिरने की संभावना से दिन और रात के तापमान में गिरावट आ सकती है।
सर्दी से बचाव के उपाय
ठंड के बढ़ते असर को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनने, ताजे फल और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जा रही है। वहीं, वाहन चालकों को भी घने कोहरे के दौरान गति कम करने और लाइट्स का सही इस्तेमाल करने की हिदायत दी गई है।