उत्तराखंड पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जिसमें 28 निरीक्षकों को पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) पद पर पदोन्नति दी गई है। लंबे समय से इन पदोन्नतियों का इंतजार किया जा रहा था, और सोमवार को पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी लिस्ट ने निरीक्षकों के चेहरे पर खुशी की लहर ला दी।
पदोन्नति के बाद बदलने वाली तस्वीर
पुलिस विभाग ने 28 निरीक्षकों को डीएसपी के पद पर पदोन्नति देने की घोषणा की। इनमें 16 निरीक्षक नागरिक पुलिस, 4 अभिसूचना और 8 सशस्त्र पुलिस और प्रतिसार निरीक्षक शामिल हैं। इस पदोन्नति से न केवल अधिकारियों को नया पद मिलने की खुशी है, बल्कि यह उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत अन्य पुलिसकर्मियों को भी एक नई प्रेरणा देगा।
पुलिस विभाग में पदोन्नति की प्रक्रिया में काफी समय लग गया था। कई बार पेंच फंसने के कारण यह प्रक्रिया लंबित रही थी, लेकिन अब जाकर इसका हल निकला। पदोन्नति पाने वाले अधिकारियों की लिस्ट में कई जाने-पहचाने नाम हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख अधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं:
- तुषार बोरा – सकर्तका मुख्यालय
- त्रिवेंद्र सिंह राणा – जीआरपी, हरिद्वार
- महेश कुमार लखेड़ा – हरिद्वार जिले
- शिशुपाल सिंह नेगी – टिहरी गढ़वाल
- महेश जोशी – रुद्रप्रयाग
- प्रतिमा भट्ट – उधमसिंहनगर
- नवीन चंद्र सेमवाल – मुख्यालय
- संजय चौहान – एटीसी, हरिद्वार
- संजय कुमार पांडेय – सीआईडी, हल्द्वानी
- जीतो कंबोज – उधमसिंहनगर
- मदन सिंह बिष्ट – उत्तरकाशी
- राजेंद्र सिंह रावत – चमोली
- दौलत राम – नैनीताल
- गोविंद बल्लभ जोशी – चंपावत
- नारायण सिंह – अल्मोड़ा
पदोन्नति की प्रक्रिया और उम्मीदें
उत्तराखंड पुलिस में यह पदोन्नति प्रक्रिया काफी समय से चल रही थी। विभाग पहले ही इसके लिए होमवर्क कर चुका था, लेकिन आपत्तियों के चलते प्रक्रिया बार-बार अटक रही थी। अब जब यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, तो आने वाले दिनों में निरीक्षक पदों पर भी पदोन्नति की संभावना जताई जा रही है।
पदोन्नति की लाइन में वर्ष 2002, 2007 और 2008 के दारोगा अधिकारी शामिल हैं। विभाग ने इन अधिकारियों के सीआर (कर्मचारी रिपोर्ट) भरने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, और जल्द ही इनके पदोन्नत होने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
फर्जी वेबसाइट के खिलाफ कार्रवाई
इसी बीच, उत्तराखंड पुलिस ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राजपुर थाना पुलिस ने स्पेशल टास्क फोर्स की जांच के बाद फर्जी वेबसाइट चलाने के मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह वेबसाइट “सिनोटेक टेक्नालोजी साल्यूशन” नाम से बनाई गई थी, और इसमें दावा किया गया था कि यह कंपनी एंटीवायरस का कारोबार करती है। हालांकि, सिनोटेक टेक्नालोजी साल्यूशन का एंटीवायरस से कोई संबंध नहीं है। इस मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी है।