देवभूमि में योगी का धमाकेदार दौरा, गाँवों में मचा धूम : पौड़ी गढ़वाल पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ, तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने यमकेश्वर स्थित ग्राम तल्ला बनास में आयोजित धार्मिक आयोजन में भाग लिया. उन्होंने वनवासी श्रीराम मंदिर और वासिनी देवी मंदिर की मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा में सहभागिता की और क्षेत्रीय जनता से संवाद किया. इस दौरान सीएम ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए बोला कि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण समाज के आध्यात्मिक विकास के लिए जरूरी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले देहरादून पहुंचे, जहां से वह हेलीकॉप्टर के माध्यम से यमकेश्वर के तल्ला बनास गांव पहुंचे. यहां ग्रामीणों और भक्तों ने उनका जोरदार स्वागत किया. योगी आदित्यनाथ ने मां गढ़वासिनी मंदिर में वकायदा पूजा-अर्चना की और मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बोला कि हिंदुस्तान की आध्यात्मिक परंपराएं हमें संयम, सेवा और सरेंडर का संदेश देती हैं. धार्मिक स्थलों का संरक्षण और पुनरुद्धार सिर्फ़ आस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और विरासत के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है।
उन्होंने बोला कि धार्मिक स्थल सिर्फ़ पूजा-अर्चना के जगह नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रमाण भी हैं. हमें इन धरोहरों के संरक्षण के लिए मिलकर कोशिश करना चाहिए. उन्होंने उत्तराखंड की देवभूमि की महिमा का गुणगान करते हुए बोला कि यह भूमि संतों, तपस्वियों और ऋषियों की साधना स्थली रही है. यहां की आध्यात्मिक शक्ति संपूर्ण हिंदुस्तान को मार्गदर्शन देती है. इस आयोजन में हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तराखंड गवर्नमेंट के कैबिनेट मंत्री डाक्टर धन सिंह रावत भी मौजूद रहे. इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के मशहूर जागर गायक प्रीतम बर्थवाण और लोक गायिका माधुरी बड़थ्वाल ने भी अपनी प्रस्तुति से भक्तों को मंत्रमुग्ध किया।
समारोह के आयोजक आलम सिंह नेगी और उनकी पत्नी दर्शिनी देवी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक विशाल त्रिशूल भेंटकर सम्मानित किया. इस मौके पर सीएम ने बोला कि उत्तराखंड देवभूमि है और यहां के मंदिरों का आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व पूरे हिंदुस्तान के लिए प्रेरणादायक है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने तल्ला बनास के ग्रामीणों के साथ रुद्राक्ष के पौधों का रोपण भी किया. उन्होंने बोला कि रुद्राक्ष का वृक्ष सिर्फ़ धार्मिक महत्व ही नहीं रखता बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होता है. उन्होंने क्षेत्रीय लोगों से निवेदन किया कि वे अधिक से अधिक पौधरोपण करें और प्रकृति के संरक्षण में अपनी किरदार निभाएं।