भारत में भी सबको मिलेगी पेंशन : विकसित देशों के तर्ज पर भारत में भी अब एक नई पेंशन स्कीम लाई जाएगी. इसके तहत सभी को पेंशन का लाभ मिलेगा. इस नई पेंशन स्कीम का नाम यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) होगा. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि लेबर मिनिस्ट्री ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है. इस स्कीम का मकसद देश के सभी नागरिकों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा देना है।
सभी नागरिकों को मिलेगा लाभ
इस योजना में कोई भी भारतीय नागरिक योगदान दे सकता है. सरकार इस योजना को ईपीएफो (EPFO) के तहत लाने की योजना बना रही है. सरकार अभी इस योजना के स्वरूप पर काम कर रही है. जैसे ही यह काम पूरा होगा, लेबर मिनिस्ट्री इसे पब्लिक के बीच लाकर लोगों से, एक्सपर्टस से, विभिन्न मंत्रालयों से और सभी स्टेक होल्डर्स से बात कर के स्कीम को बेहतर और उपयोगी बनाएगा।
सूत्रों की मानें तो सरकार इस स्कीम को और आकर्षक बनाने के लिए इसमें कई सारी नई और पुरानी योजनाएं शामिल कर सकती है. सरकार चाहती है कि इस स्कीम का फायदा ज्यादा से ज्यादा असंगठित क्षेत्र के लोगों जैसे- मजदूरों, स्वरोजगार (Self employed) वाले लोगों और व्यपारियों को मिल सके।
कौन-कौन सी स्कीमें हो सकती हैं शामिल
सरकार की तरफ से अभी कुछ स्पष्ट नहीं है कि कौन कौन सी योजनाएं इसमें शामिल होंगी. एक्सपर्टस का कहना है कि कुछ प्रमुख और आकर्षक योजानाओं को सरकार इस स्कीम में शामिल कर सकती है. जैसे – प्रधानमंत्री मान धन योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना- ये दोनों योजनाएं स्वैच्छिक (optional) हैं . इनमें 60 साल के बाद हर महीने 3000 रुपए की पेंशन मिलती है. इस योजना में आप हर महीने 55 से 200 रुपए तक जमा कर सकते हैं. आपके साथ सरकार भी उतना पैसा डालेगी जितना आपने योगदान दिया है।
अटल पेंशन योजना को भी इस बड़ी योजना में शामिल किया जा सकता है. अभी यह योजना पीएफआरडीए (PFRDA) के अंतर्गत आती है. इन दो योजनाओं के अलावा सरकार इसमें भवन और निर्माण (construction workers) श्रमिक एक्ट के तहत इकट्ठा सेस को भी शामिल कर सकती है. इससे निर्माण क्षेत्र के मजदूरों को भी पेंशन दी जा सकेगी।
इसके अलावा केन्द्र सरकार राज्य सरकारों को भी अपनी पेंशन योजनाओं को इसमें शामिल करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है. इससे पेंशन की राशी भी बढ़ेगी और लोगों को ज्यादा लाभ मिल पाएगा।
देश में अनुमानित बुजुर्गों की संख्या
संयुक्त राष्ट्र के “इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023” के मुताबिक, 2036 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या करीब देश की कुल आबादी का 15 फीसदी होने की उम्मीद है, वहीं 2050 तक यह आंकड़ा 20 फीसदी तक पहुंच सकता है. ऐसे में सरकार के लिए जरूरी है कि वह भी अमेरिका, यूरोप, चीन, कनाडा, रूस जैसे देशों की तरह पेंशन स्कीम भारत में भी लागू करे, जिसमें पेंशन और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं शामिल हों. भारत में सोशल सिक्योरिटी ज्यादातर फंड और पेंशन पर निर्भर है. ऐसे में यह नई पेंशन स्कीम सोशल सिक्योरिटी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।