जेल में रोमांस – कमरा भी तैयार : भारत की जेलों की अंदरूनी दुनिया कैसी है ये अक्सर खबरों में सामने आती ही रहती है। ठसाठस भरे अँधेरे बैरकों में सज़ा काटते कैदियों को हांलाकि दुनिया के अलग-अलग देशों की तरह कई अधिकार दिए जाते हैं, वहीं अधिकतर देशों की जेलों में कैदियों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने के लिए मनोरंजन और खेल गतिविधियों में भाग लेने की भी अनुमति दी जाती है. इसके अलावा उन्हें समय-समय पर अपने परिजनों से मिलने का भी हक दिया जाता है, ताकि पारिवारिक संबंध बने रहें और सामाजिक जुड़ाव बना रहे. हालांकि इन अधिकारों की सीमा और स्वरूप हर देश में अलग-अलग हो सकते हैं, जो मुख्य रूप से वहां के कानून और अपराधों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
इटली की जेलों में कैदियों के लिए ‘सेक्स रूम
हाल ही में इटली ने कैदियों को एक नया और अनोखा अधिकार प्रदान कर इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. अब वहां के कैदियों को अपने जीवनसाथी या पार्टनर के साथ एकांत में समय बिताने की अनुमति मिल गई है. इसके लिए जेलों में विशेष ‘इंटीमेट रूम’ यानी निजी कमरे बनाए गए हैं.जी हां दरअसल, इटली ने इतिहास रचते हुए अपनी जेल में पहली बार ‘सेक्स रूम’ की शुरुआत कर दी है, जहां कैदियों को अपने जीवनसाथी या पार्टनर के साथ निजी समय बिताने की अनुमति दी गई है.यह नई व्यवस्था केंद्रीय इटली के उम्ब्रिया क्षेत्र की टर्नी जेल में शुरू की गई है, जहां एक कैदी ने अपनी महिला साथी से एक विशेष कमरे में मुलाकात की. यह पहल इटली की संवैधानिक अदालत के उस ऐतिहासिक फैसले के बाद शुरू हुई है, जिसमें अदालत ने माना कि कैदियों को अपने जीवनसाथी या पार्टनर के साथ निजी मुलाकातों का अधिकार होना चाहिए और ऐसे पलों में जेल प्रहरी की निगरानी नहीं होनी चाहिए।
कैदियों को मिलेंगी ये जबरदस्त सुविधाएं
न्याय मंत्रालय द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार, जिन कैदियों को इस प्रकार की निजी मुलाकातों की अनुमति दी जाएगी, उन्हें ऐसे कमरे उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनमें एक बिस्तर और टॉयलेट होगा, और वे वहां दो घंटे तक रह सकते हैं. हालांकि, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्देशों में यह भी कहा गया है कि कमरे का दरवाज़ा बंद रहेगा लेकिन लॉक नहीं किया जाएगा, ताकि किसी आपात स्थिति में सुरक्षाकर्मी भीतर प्रवेश कर सकें.गौरतलब है कि इटली की जेलें अत्यधिक भीड़भाड़ की समस्या से जूझ रही हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश की जेलों में इस समय 62,000 से अधिक कैदी हैं, जो कि जेलों की अधिकतम क्षमता से 21% ज्यादा हैं. बीते समय में जेलों में आत्महत्याओं के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।