AIhealthcare : AI रोकेगा बुढ़ापा – लम्बी होगी उम्र ! :- साल 2025 को अलविदा करने का वक्त आ गया है और नए साल के इस्तकबाल के लिए पूरी दुनिया तैयार है. लेकिन, जरा हिसाब लगाइए कि 2025 को किस तरह से याद किया जाएगा? ये आपको क्या खास देकर जा रहा है ? किसी भी इंसान की सबसे प्यारी चीज होती है – उसकी जिंदगी . हर इंसान लंबी, तंदुरुस्त और खुशहाल जिंदगी की ख्वाहिश रखता है. यही, हर इंसान की सबसे बड़ी दौलत, सबसे बड़ी पूंजी है . ऐसे में हेल्थकेयर इंडस्ट्री के लिए साल 2025 एक मील का पत्थर रहा।
ये साल मेडिकल साइंस में इलाज की सोच, मरीज-डॉक्टर के रिश्ते और बीमारी की पहचान के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव लेकर आया. बीमारियों के इलाज में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से प्रिवेंटिव केयर, पर्सनलाइज ट्रीटमेंट और डिजिटल सॉल्यूशन पर रहा. इतना ही नहीं एआई की मदद से इंसान की जिंदगी के दिन लंबे करने की कोशिश भी तेजी से चल रही है ।
अमेरिका के एक जाने-माने Immunologist, Biomedical engineer & Scientist हैं प्रोफेसर Derya Unutmaz….एक इंटरव्यू में इन्होंने दावा किया कि अगर 10 वर्षों तक आप नहीं मरते हैं तो अगले 5 साल और जिएंगे . अगर आप 15 वर्षों तक और जीते हैं, तो अगले 50 वर्ष और जिएंगे . तब तक बुढ़ापे की समस्या का समाधान हो चुका होगा. मतलब, साल 2025 एक बड़ी उम्मीद दे कर जा रहा है कि मेडिकल साइंस इतना तरक्की कर लेगा कि इंसान के शरीर में बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकेगा।
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जिससे लोगों की उम्र लंबी होगी. कुछ ऐसा ही प्रयोग जोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल भी कर रहे हैं–जिन्होंने Temple डिवाइस लॉन्च किया है. जो रियल टाइम ब्रेन ब्लड फ्लो मॉनिटर करने का दावा करता है . कुछ इसी तरह अमेरिकी टेक टायकून ब्रायन जॉनसन खुद को अमर करने के लिए सालाना 18 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं..टेस्ला के मालिक एलन मस्क भी इसी रास्ते पर हैं. दावा किया जा रहा है कि वो दिन दूर नहीं जब लोग खुद तय करेंगे कि उन्हें इस धरती पर कितने साल जीना है?
हमारे देश में लोग खुद से उम्र में छोटे लोगों को आयुष्मान भव: का आशीर्वाद देते हैं . भगवान से लंबी जिंदगी के लिए प्रार्थना करते है. अगर भगवान साक्षात प्रकट होते तो ज्यादातर धन कुबेर और ताकतवर लोग अपने लिए अमर होने का वरदान मांग लेते . लेकिन, जेनरेटिव एआई की मदद से इंसान की उम्र डबल करने का प्रयोग जरूर चल रहा है. आधुनिक मेडिकल साइंस में तेजी से उस दिशा में काम कर रहा है– जिसमें लोगों की उम्र को बढ़ाया जा सके।
इंसान अपनी मृत्यु का समय खुद तय करे . जोमैटो के CEO दीपिंदर गोयल ने हाल में एक बहुत अलग तरह के हेल्थ टेक डिवाइस Temple के बारे में जानकारी साझा की . उस छोटे गोल्डन चिप को माथे या कान के पास लगाया जा सकता है . दीपिंदर गोयल का दावा है कि इस हेल्थ टेक डिवाइस की मदद से दिमाग में जाने वाले ब्लड फ्लो की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकती है।
अब सवाल उठता है कि इससे होगा क्या? दीपिंदर गोयल का दावा है कि इससे दिमाग की सेहत और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी ? हालांकि, डॉक्टरों का ये भी दावा है कि दिमाग में ब्लड फ्लो बढ़ाना या घटाना आसान काम नहीं है. डॉक्टरों की दलील है कि बढ़ती उम्र के साथ दिमाग में ब्लड फ्लो बढ़ाना आसान नहीं होता है।
इसमें कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं. इंसान के दिमाग में उसकी क्षमता के हिसाब से ब्लड फ्लो का Autoregulation होता है . दीपिंदर गोयल जो दावा कर रहे है- वो अभी शुरुआती दौर में है . मौत को मात देने का अजब-गजब प्रयोग अमेरिकी टेक टायकून ब्रायन जॉनसन भी कर रहे हैं. 48 साल के ब्रायन जॉनसन का दावा है कि वो 2039 तक इंसान अमर हो जाएंगे।
