नए साल पर थलसेना प्रमुख ने जवानों को दी शुभकामनाएं : थलसेना प्रमुख (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने देहरादून दौरे में ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया और क्षेत्र में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की. उनके साथ सेंट्रल कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता भी मौजूद थे. सेना प्रमुख ने सैनिकों से मुलाकात के दौरान उनके समर्पण और राष्ट्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस दौरान बदलते और जटिल सुरक्षा माहौल में ऑपरेशनल क्षमता और अनुकूलता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया. सेना के उपकरणों के आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण मानकों में सुधार और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और युद्ध के मैदान में नई तकनीकों के इस्तेमाल बढ़ावा देने पर भी बात की. सेना प्रमुख ने अपनी यात्रा के दौरान दो वेटरन को ‘वेटरन्स अचीवर्स अवार्ड’ से भी सम्मानित किया.
जवानों को दी नए साल की शुभकामनाएं
भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ड्यूटी पर तैनात जवानों को नववर्ष की शुभकामनाएं भी दी. यह दौरा सेना प्रमुख द्वारा मिशन तैयारियों को सुनिश्चित करने और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों को दर्शाता है. देहरादून पहुंचने से पहले, थलसेना प्रमुख ने 29-30 दिसंबर 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मऊ सैन्य स्टेशन का भी दौरा किया था.
इन दोनों को मिला वेटरन्स अचीवर्स अवार्ड
उत्तराखंड की अपनी यात्रा के दौरान सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 2 वेटरन को ‘वेटरन्स अचीवर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया. इन दोनों का नाम सेवानिवृत्त कर्नल पीएस बिंद्रा और रिटायर्ड वेटरन हवलदार मनोज सेमवाल है. कर्नल पीएस बिंद्रा ने करनाल और पीलीभीत जिलों में अपशिष्ट प्रबंधन, स्क्रैप रीसाइक्लिंग और पर्यावरण जागरूकता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. साथ ही स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर के रूप में शिक्षा और युवा सशक्तिकरण की वकालत की है.
दूसरा अवार्ड वेटरन हवलदार मनोज सेमवाल (सेवानिवृत्त) को मिला है. वो गढ़वाल राइफल्स के वेटरन हवलदार थे और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के मूल निवासी हैं. उन्होंने वार्षिक केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़ों और खच्चरों की बड़े पैमाने पर आवाजाही से उत्पन्न पशु अपशिष्ट के कारण उत्पन्न चुनौती को दूर करने में सक्रिय भूमिका निभाई है. इससे जैव उर्वरक और ईंटें भी तैयार की जाती हैं.