इस साल शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त हैं। एक मुहूर्त प्रातः काल में है और दूसरा मुहूर्त दोपहर में। कलश स्थापना का पहला मुहूर्त है 03 अक्टूबर को प्रातः 6 बजकर 18 मिनट से प्रातः 7 बजकर 25 मिनट तक। माता रानी के भक्तों को घटस्थापना के लिए 01 घंटा 08 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा। घटस्थापना के लिए ये मुहूर्त सबसे उत्तम माना जाता है। जो लोग सुबह में कलश स्थापना करना चाहते हैं वो दूसरे मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 48 से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बीच घटस्थापना कर सकते हैं। सुबह के बाद दिन में कलश स्थापना का ये मुहूर्त 47 मिनट का है।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करके जिस जगह पर कलस्थापना करना है, वहां गंगाजल छिड़कें। फिर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें। एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें, कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें।
कलश के चारों ओर अशोक के पत्ते लगाएं। फिर कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें और एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें। फिर इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आह्वान करें, इसके बाद दीप जलाकर कलश की पूजा करें। ध्यान रखें कि कलश सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का ही हो, स्टील सा किसी अन्य अशुद्ध धातु का कलश घटस्थापना के लिए शुभ नहीं माना जाता है।