हो जाएं सावधान! क्या आपने भी गाड़ी पर लिखा रखी है जाति का नाम ? :- राज्य सरकार ने जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब पुलिस की लिखापढ़ी में किसी आरोपी की जाति नहीं लिखी जाएगी. एफआईआर में भी जाति का कॉलम रिक्त रहेगा. एससी-एसटी एक्ट से जुड़े मुकदमों को छोड़कर अन्य मामलों में केवल वादी और आरोपी का नाम व उपनाम लिखा जाएगा।
सीसीटीएनएस में बदलाव
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) में जाति का कॉलम हटाने के लिए एनसीआरबी को पत्र लिखा गया है. एफआईआर और अन्य दस्तावेजों में माता-पिता दोनों के नाम दर्ज होंगे. सीसीटीएनएस में माता के नाम के लिए नया कॉलम जोड़ा जाएगा. बदलाव तक जाति के गैर अनिवार्य कॉलम खाली छोड़े जाएंगे।
वाहनों पर जाति आधारित स्टीकर और स्लोगन पर रोक
अब वाहनों पर जाति नहीं लिखी जा सकेगी.
नंबर प्लेट पर जाति लिखने पर 5,000 रुपये का जुर्माना.
शीशे या अन्य स्थान पर स्लोगन/स्टीकर लगाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना.
जातिगत रैलियों और सार्वजनिक संकेतों पर रोक
प्रदेश में अब जातिगत रैलियां आयोजित नहीं होंगी.
पुलिस थानों के नोटिस बोर्ड और साइन बोर्ड से जातीय संकेत हटा दिए जाएंगे.
जातिगत अभिमान या भेदभाव वाले साइन बोर्ड भी हटाए जाएंगे.
सोशल मीडिया पर जातिगत कंटेंट पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
थानों और रिपोर्टिंग में बदलाव
थानों के रजिस्टर नंबर चार में अब आरोपी की जाति दर्ज नहीं होगी.
वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में जाति का जिक्र नहीं होगा.
हिस्ट्रीशीटर बोर्ड पर भी आरोपी का नाम जाति के बिना लिखा जाएगा.
शासनादेश जारी
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने रविवार को यह आदेश जारी किया. इसका उद्देश्य है कि पुलिस अभिलेखों और सार्वजनिक स्थानों से जातिगत भेदभाव को पूरी तरह हटाया जाए।