बायोमीट्रिक मशीनें बेहाल: धामी सरकार में शासन प्रशासन को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए कवायद के चलते मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने पिछले दिनों आदेश जारी किए थे कि सचिवालय में काम करने वाले सभी अधिकारियों IAS, IPS, ISF, PCS व सचिवालय कर्मचारियों को एक मई से बायोमीट्रिक हाजिरी लगानी अनिवार्य होगी। 1 मई से जब इसकी शुरुआत हुई तो सिस्टम ने कुछ ही देर में हाथ खड़े कर दिए थे। चूंकि मुख्य सचिव के आदेश के बाद अधिकारी,कर्मचारी नियत समय में सचिवालय व अन्य कार्यालय पहुंच गए थे। जानकारी के अनुसार सचिवालय में जो बायोमीट्रिक मशीनें लगी हैं वो पुरानी तकनीक की बताई जा रही है जिसमे हाजिरी लगाने से पहले आधार नंबर फीड करना पड़ता है। यदि किसी कार्मिक ने आधार कार्ड के 12 डिजिट में कोई नंबर गलती से फीड कर दिया तो उसे दोबारा सही नंबर फीड करने के लिए सिस्टम से एग्जिट होना होता है. जिसके चलते ये सिस्टम हैंग हो रहा था।
जबकि शासन को हाईटेक बायोमीट्रिक मशीनें लगानी चाहिए थी जो सीधे थंब इंप्रेशन या फेस रीडिंग कर कार्मिक की उपस्थिति दर्ज कर ले। अधिकांश कार्य स्थलों में इसी तरह की बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं। जिसका मुख्य सचिव ने संज्ञान लिया तब जाकर मशीनों का सुधार किया जा रहा है। जिसको लेकर ऑनलइन हाजरी के विरोध में शिक्षकों में इसका विरोध भी देखने को मिल रहा है आरोप हे की जब तक सरकार संसाधन और रिक्त पदों पर पर्याप्त शिक्षक नियुक्ति नहीं करती तब तक हाजिरी नहीं भरी जायेगी। वही विपक्ष ने भी इन मशीनों व सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए है।
आपको बता दे उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन की ओर से सख्त आदेश दिए गए थे कि एक मई से सभी सरकारी ऑफिसों में बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। 1 मई को राज्य में अधिकतर सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी नहीं लग पाई थी। जानकारी के अनुसार राज्य में अधिकतर स्थानों पर एल जीरो फंक्शन आधारित बायोमेट्रिक मशीनें लगी हुई हैं। यूआईडीएआई पोर्टल ने 1 मई को ही बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम को एल जीरो मशीन से एल वन मशीनों में शिफ्ट कर दिया था।
इसी कारण अचानक दिक्कत पेश आई। जबकि विभाग एक दिन पहले बायोमेट्रिक मशीनों का सफल ट्रायल कर चुका था। अब इस तकनीकी दिक्कत को दूर किया जा रहा है। एल वन मशीनें आने तक सिस्टम को दोबारा एल जीरो मशीनों पर शिफ्ट करने का अनुरोध किया जिसे मान लिया गया है। अब बायोमेट्रिक हाजिरी लगना शुरू हो गया है। वही विपक्ष ने सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए कहा सरकार बिना किसी प्लानिंग के आदेश जारी कर देती है. जिससे समस्याओ का सामना करना पड़ता है। बहरहाल खास तौर पर सचिवालय जो राज्य के प्रशासन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है वहां कार्य संस्कृति में लापरवाही का असर पूरे सरकारी तंत्र पर पड़ता है। ऐसे में बायोमैट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। हालांकि यह भी जरूरी है कि इस प्रणाली के काम में भी कोई कोताही न बरती जाए व तकनीकी अड़चनों को समय रहते दूर कर लिया जाए और सभी स्तरों पर इसे गंभीरता से लिया जाए।